दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि पेप्सिको अपने आलू के चिप्स के लिए उगाई गई आलू की किस्म के पेटेंट का दावा कर सकती है. इसके साथ ही एकल खंडपीठ के 5 जुलाई 2023 के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें पेप्सी ने चिप्स बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली आलू किस्म को पेटेंट का दावा किया था और याचिका दायर की थी. इसके साथ ही पौधों की किस्मों और किसान अधिकार संरक्षण प्राधिकरण ने आवेदन पत्र रद्द कर दिया था. ताजा आदेश के साथ पेप्सिको को बड़ी राहत मिली है और उसका पेटेंट का दावा करने का रास्ता साफ हो गया है. पेप्सिको कंपनी पेप्सी, मिरिंडा और 7UP पेय पदार्थों के अलावा लेज और अंकल चिप्स जैसे नमकीन स्नैक्स बनाती और बेचती है.
पौधों की किस्मों और किसान अधिकार संरक्षण प्राधिकरण ने पेप्सिको के एफएल 2027 आलू किस्म को पेटेंट कराने का दावा लेने को खारिज कर दिया था और रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया था. इसके बाद पेप्सी ने पौधा किस्म और किसान अधिकार संरक्षण अधिनियम 2001 (अधिनियम) के तहत 3 दिसंबर 2021 के आदेश को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में अपील दायर की थी. तब एकल न्यायाधीश ने 5 जुलाई 2023 को इस अपील को भी खारिज कर दिया था. इसके बाद पेप्सी ने उसी अदालत की खंडपीठ के समक्ष फिर से अपील दायर की थी.
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को अपने फैसले में पेप्सिको को आलू किस्म को पेटेंट के लिए दावा करने की अनुमति दे दी है. कोर्ट ने पौधों की किस्मों और किसान अधिकार संरक्षण प्राधिकरण के 3 दिसंबर 2021 के आदेश और 11 फरवरी 2022 को प्राधिकरण की ओर से जारी पत्र को भी रद्द कर दिया है. पेप्सिको के नए पेटेंट आवेदन को बहाल किया जाएगा.
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को फार्मर्स राइट्स एक्टिविस्ट कविता कुरुगांती की दलीलें खारिज करते हुए कहा कि पेप्सिको की अपील स्वीकार की जाती है. एक्टिविस्ट कुरुगंती ने कहा था कि पेप्सिको किसानों के खिलाफ मुकदमा दायर करके जनहित के विपरीत काम कर रही है. अदालत ने इसे खारिज कर दिया और कहा कि उल्लंघन का आरोप लगाने वाले यह स्थापित करने या साबित करने में विफल रहा कि वे मुकदमे कष्टप्रद थे या उन्हें पेप्सिको की शिकारी रणनीति के हिस्से के रूप में स्थापित किया गया था.
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