Maize Price: पाकिस्तानी मक्का ने भारतीय ट्रेडर्स का दर्द बढ़ाया, सस्ती कीमत से वैश्विक बाजार के खरीदार हथियाए 

Maize Price: पाकिस्तानी मक्का ने भारतीय ट्रेडर्स का दर्द बढ़ाया, सस्ती कीमत से वैश्विक बाजार के खरीदार हथियाए 

केंद्र सरकार ने इथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है. ऐसे में इथेनॉल के लिए मक्के की मांग बढ़ गई है. जबकि, मक्का का घरेलू उत्पादन पिछले फसल वर्ष की तुलना में करीब 3 मिलियन टन कम रहने का अनुमान है. ऐसे में भारतीय बाजार में मक्का की कीमत वैश्विक बाजार से भी ज्यादा है. इस स्थिति का फायदा पाकिस्तान को मिल रहा है.

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Maize Price: पाकिस्तानी मक्का ने भारतीय ट्रेडर्स का दर्द बढ़ाया, सस्ती कीमत से वैश्विक बाजार के खरीदार हथियाए सस्ती पाकिस्तानी मक्का ने भारतीय ट्रेडर्स का दर्द बढ़ाया.

केंद्र सरकार ने इथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है. ऐसे में इथेनॉल के लिए मक्के की मांग बढ़ गई है. जबकि, मक्का का घरेलू उत्पादन पिछले फसल वर्ष की तुलना में करीब 3 मिलियन टन कम रहने का अनुमान है. ऐसे में भारतीय बाजार में मक्का की कीमत वैश्विक बाजार से भी ज्यादा है. इस स्थिति का फायदा पाकिस्तान को मिल रहा है. क्योंकि, पाकिस्तानी मक्का वैश्विक खरीदारों के साथ ही साउथ ईस्ट एशिया के खरीदारों को सस्ता पड़ रहा है. हालांकि, पाकिस्तानी मक्का की क्वालिटी खरीदारों के लिए मुद्दा बना हुआ है. 

मक्का ट्रेडर्स ने कहा कि पाकिस्तान को विश्व मक्का बाजार खासकर साउथ ईस्ट एशिया में भारत की अधिक कीमतों के चलते फायदा हुआ है. इस फसल वर्ष में जून तक मोटे अनाज के उत्पादन में गिरावट के बीच इथेनॉल उत्पादन के अलावा पोल्ट्री और स्टार्च क्षेत्रों में मक्का कीम मांग को देखते हुए भारत में मक्का की घरेलू कीमतें वैश्विक बाजार की कीमतों से अधिक हैं. इसके चलते भारतीय मक्का वैश्विक बाजार से बाहर है और पाकिस्तानी मक्का ने खरीदारों के बीच पकड़ बना ली है. 

इन वजहों से मक्का की घरेलू कीमत वैश्विक बाजार से अधिक 

कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार खरीफ और रबी सीजन के दौरान मक्के का उत्पादन पिछले फसल वर्ष के 35.36 मिलियन टन के मुकाबले 32.47 मिलियन टन आंका गया है. इस फसल सीजन में उत्पादन खरीफ के साथ-साथ रबी सीजन में भी कम होने का अनुमान लगाया गया है. केंद्र ने इथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने के डायवर्जन पर प्रतिबंध लगा रखा है. इससे मक्के की मांग बढ़ गई है. इसके अलावा पोल्ट्री और स्टार्च सेक्टर से भी मक्के की मांग बढ़ी है. घरेलू कीमतें ऊंची होने के कारण भारतीय मक्का वैश्विक बाजार से बाहर है. 

भारत से सस्ती मक्का बेच रहा पाकिस्तान 

रिपोर्ट के अनुसार फार्मगेट पर मक्का की कीमतें लगभग 2,150 रुपये प्रति क्विंटल हैं. नई दिल्ली स्थित निर्यातक ने कहा यह कीमत 260 डॉलर प्रति टन के आसपास बैठती है. जबकि, वैश्विक बाजार में भारतीय मक्का की कीमत 300 डॉलर प्रति टन है, जबकि पाकिस्तान की मक्का की कीमत 240-50 डॉलर प्रति टन है. वहीं, इथेनॉल में इस्तेमाल होने वाले मोटे अनाज की कम उपज ने इथेनॉल के लिए मक्का का इस्तेमाल बढ़ा दिया है. घरेलू बाजार में मक्के की भारित औसत कीमत वर्तमान में 2,132 रुपये प्रति क्विंटल है, जो एक साल पहले 2,039 रुपये प्रति क्विंटल थी. 

वियतनाम समेत कई देश पाकिस्तान के खरीदार बने 

अमेरिकी कृषि विभाग ने कहा कि पाकिस्तान में कम चारे की मांग के कारण अच्छी फसल है. ऐसे में पाकिस्तान का मक्का निर्यात 1.5 मिलियन टन से अधिक होने की संभावना है. वियतनाम, मलेशिया और श्रीलंका शीर्ष खरीदार बन गए हैं.हालांकि, पाकिस्तान के मक्के के साथ क्वालिटी बड़ा इश्यू खरीददारों के लिए बना हुआ है. खरीदार कम कीमत के कारण इसे खरीद रहे हैं. 

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