ओडिशा में गुरुवार 1 मई से चालू रबी सीजन में धान खरीद शुरू होने जा रही है. मई की पहली तारीख से राज्य के 30 में से 20 जिलों में धान की खरीदी होगी और 30 जून 2025 तक चलेगी. सरकार की ओर से चालू रबी सीजन के दौरान 14 लाख मीट्रिक टन (LMT) धान खरीदने और धान 48 घंटे के अंदर भुगतान करने का लक्ष्य रखा गया है. खरीफ सीजन की तरह, किसानों को 2,300 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और बोनस के रूप में 800 रुपये प्रति क्विंटल इनपुट सहायता मिलेगी यानी कुल 3100 रुपये प्रति क्विंटल मिलेंगे. यह राशि किसानों के खाते में सीधे ट्रांसफर की जाएगी.
बीते शुक्रवार को मुख्य सचिव मनोज आहूजा ने राज्य स्तरीय खरीद समिति की बैठक में यह फैसला लिया था. इसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 20 जिलों के कलेक्टर शामिल हुए थे. बैठक में खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता कल्याण विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार सिंह भी मौजूद थे. उन्होंने ने चर्चा के लिए मुद्दों की रूपरेखा बताई.
संजय कुमार सिंह ने कहा कि पिछले खरीफ सीजन में करीब 16.60 लाख किसानों से करीब 73.45 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई थी, जिसके लिए किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के तौर पर 16,853 करोड़ रुपये और इनपुट सहायता के तौर पर 5,862 करोड़ रुपये उनके खाते में भेजे गए थे. सिंह ने कहा कि इसी तरह, चालू रबी सीजन के लिए भी धान खरीदी 1 मई से 30 जून तक चलेगी.
अफसर ने बताया कि धान की एमएसपी पर बिक्री के लिए करीब 3.37 लाख किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है. इस साल नए जोड़े गए कंधमाल, सुंदरगढ़ और भद्रक जिले सहित कुल 20 जिलों में धान खरीदी की प्रक्रिया होगी. खरीद प्रक्रिया में 965 प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां और 200 स्व सहायता समूह (एसएचजी) शामिल रहेंगे.
मुख्य सचिव ने 20 जिलों के कलेक्टरों से कहा है कि पात्र किसान धान खरीद से वंचित न रहें. साथ ही अधिकारियों को तत्काल मंडियों के लिए नोडल अधिकारी और पर्यवेक्षक तैनात करने के लिए कहा है, जहां किसानों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. इसके अलावा, उन्होंने धान खरीद प्रक्रिया में समस्या के समाधान के लिए टोल-फ्री नंबर 1967 की जानकारी दी है. किसान इस नंबर पर कॉल कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
मुख्य सचिव ने बताया कि हर खरीद केंद्र (मंडी) में सीसीटीवी कैमरा लगा रहेगा. मंडी से मिल तक धान ले जाने वाले हर वाहन के लिए वाहन ट्रैकिंग सिस्टम भी अनिवार्य किया गया है. जिला कलेक्टरों को बेमौसम बारिश और लू को देखते हुए धान की सुरक्षा के लिए खास व्यवस्था करने के लिए कहा गया है. साथ ही खरीद के दौरान धान ले जाने वाले बाहरी वाहनों पर नजर रखने के लिए सीमावर्ती जिलों में विशेष दस्ते तैनात किए जाएंगे.
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