ठंडी हो गया गर्मी, बिना प्याज शायद ही कोई सब्जी बनती होगी. किसान खरीफ और रबी, दोनों सीजन में इसकी खेती करते हैं. अगर बुवाई के समय ही सही किस्मों का चयन कर लिया जाए तो किसान प्याज की खेती से बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं. प्याज की अधिक पैदावार लेने के लिए किसानों को उसको सही समय पर खेती और अच्छी किस्मों का चयन करना बेहद जरूरी है, इसकी कुछ ऐसी किस्में हैं, जिसमें न कीट लगते हैं और न ही रोग होता है. इन किस्मों की खेती से किसान अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं.
बाजार में इसकी डिमांड पूरे साल बनी रहती है ऐसे में किसानों के लिए प्याज की खेती फायदे का सौदा साबित हो सकती है. बाजार में वैसे तो कई किस्में मौजूद हैं, लेकिन हम आपको 5 सबसे उन्नत किस्मों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनसे बंपर उत्पादन होता है.
इस किस्म के प्याज का रंग लाल होता है. एक हेक्टेयर में कम से कम 200 से 300 क्विंटल तक की पैदावार. भंडारण के किसी विशेष स्थान की जरूरत नहीं पड़ती, कहीं भी रख लीजिए. एक प्याज 70 से 80 ग्राम तक का होता है.है. फसल 120-125 दिनों में तैयार हो जाती है.
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में रबी मौसम के लिए पहले से ही अनुमोदित इस किस्म को अब दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान और तमिलनाडु में खरीफ मौसम के लिए अनुमोदित किया गया है. यह फसल पछेती खरीफ मौसम में भी बोई जा सकती है. खरीफ में यह फसल 105-110 दिन और पछेती खरीफ और रबी मौसम में 110-120 दिन में यह पककर तैयार हो जाती है. खरीफ में औसतन उपज 19-21 टन/है. और पछेती खरीफ में 48-52 टन/है. तथा रबी मौसम में 30-32 टन है. होती है. रबी में 3 महीने तक इसका भंडारण कर सकते हैं.
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इस किस्म का प्याज गहरे लाल और भूरे रंग का भी होता है. रोपाई के 175 दिनों बाद फसल पक जाती है. इसकी सबसे खास बात यह होती है कि इसका स्वाद तीखा नहीं होता. यह प्रति हेक्टेयर 300 क्विंटल तक पैदावार दे देती है.
छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान और तमिलनाडु में खरीफ मौसम में उगाने के लिए इस लाल प्याज किस्म को तैयार किया गया है. इसे खरीफ में पछेती फसल के रूप में भी उगा सकते हैं. यह खरीफ सीजन में 22-22 टन प्रति हेक्टयर की पैदावार देगी. जबकि पछेती खरीफ में 40-45 टन तक की उपज मिलेगी. खरीफ में 100 से 105 दिन और पछेती खरीफ में 110 से 120 दिन में पककर तैयार हो जाएगी.
बाजार हम कभी-कभी सफेद रंग के प्याज भी देखते हैं, वह यही किस्म है. रोपाई के 125 से 130 दिन बाद में तैयार होने वाली किस्म है. भंडारण क्षमता अच्छी होती है. प्रति हेक्टेयर 325 से 350 क्विंटल तक पैदावार हो सकती है.
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