महाराष्ट्र में खरीफ सीजन के धान खरीद की समय सीमा 29 फरवरी तक बढ़ा दी गई है. पहले इसकी अंतिम तारीख 31 जनवरी 2024 तक थी. रजिस्ट्रेशन करवाने की तारीख भी बढ़ा दी गई है. ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि सरकार ने देखा कि राज्य में धान और मोटे अनाज की खरीद पिछले सीजन की तुलना में कम है. इस संबंध में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के विजय मोरे ने आदेश जारी किया है. इससे हजारों किसानों को राहत मिली है. किसानों को गारंटी मूल्य से कम कीमत न मिले, इसके लिए खरीफ एवं रबी मौसम में जिला विपणन संघ एवं आदिवासी विकास निगम के अंतर्गत शासकीय धान खरीदी केंद्र में गारंटी मूल्य पर धान की खरीदी की जाती है.
उधर, भंडारा जिले में सरकार समर्थित खरीद केंद्रों पर 30 जनवरी तक 30 लाख 73 हजार 558.65 क्विंटल धान खरीदा गया है. अब तक 1 लाख 53 हजार 709 किसानों ने धान बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. इनमें से मात्र 93 हजार 240 किसानों ने ही धान बेचा है. इस साल पिछले सीजन की तुलना में कम सरकारी खरीद होने के कारण किसानों को धान बेचने की तारीख दो बार बढ़ाई गई है. फिर भी पिछले सीजन जैसी खरीद नहीं हो सकी.
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सरकार ने खरीफ सीजन के धान की खरीद और रजिस्ट्रेशन के लिए 31 जनवरी तक की समय सीमा दी थी. यह समय सीमा खत्म हो गई. इसलिए, धान किसान इस बात पर विचार कर रहे थे कि उन्हें एक और एक्सटेंशन मिलता है या नहीं. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने आदेश जारी कर कहा कि धान की खरीदी को 29 फरवरी तक बढ़ाया जा रहा है. इससे हजारों किसानों को राहत मिली है. इसके साथ ही खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने एक पत्र के माध्यम से स्पष्ट किया है कि किसानों को खरीदी के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के दौरान होने वाली कठिनाइयों के कारण रजिस्ट्रेशन की समय सीमा भी 15 फरवरी तक बढ़ाई जा रही है.
एक तरफ इस साल धान की खरीद कम हुई है तो दूसरी तरफ राइस मिलर्स की भी कुछ समस्याएं हैं. उनकी मांगों का समाधान नहीं किया गया है. इसके कारण सरकारी धान क्रय केंद्र पर धान का उठाव व लदान पूरी तरह से बंद हो गया है. भंडारा जिले के 183 धान खरीदी केंद्रों पर 23 लाख क्विंटल धान आ चुका है. चूंकि इनमें से अधिकांश धान खुले में पड़ा हुआ है, इसलिए यदि इसे जल्दी नहीं उठाया गया तो इसके खराब होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.
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