केंद्र सरकार जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है. इसके लिए राष्ट्रीय जैविक खेती मिशन जैसी योजनाएं भी चलाई गई हैं. जबकि, जैविक खाद की उपलब्धता बढ़ाने के लिए केंद्र के अधीन संस्थान नाबार्ड ने अब तक 2324 बायोगैस प्लांट लगाए दिए हैं, जिनसे किसानों को बायो फर्टिलाइजर की सुविधा मिल रही है. नाबार्ड ने संकेत दिए हैं कि 2025 में बायोगैस प्लांट की संख्या ज्यादा करके बायो फर्टिलाइजर का प्रोडक्शन बढ़ाने पर फोकस है.
ग्रामीण भारत महोत्सव 2025 में नाबार्ड के अध्यक्ष शाजी केवी ने कहा कि देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में ग्रामीण भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है. वित्तीय सेवा विभाग और नाबार्ड की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित यह महोत्सव ग्रामीण भारत की बदलावकारी यात्रा और देश के समग्र विकास में इसके योगदान को सामने रखता है. शाजी केवी ने कहा कि पिछले दशक में ग्रामीण भारत में कई महत्वपूर्ण प्रगति देखी गई है, जिसमें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत उन्नत बुनियादी ढांचे से लेकर बिजली आपूर्ति, डिजिटल कनेक्टिविटी और ग्रामीण उत्पादों की जीआई टैगिंग की प्रगति देखी गई है. यह बदलाव ग्रामीण भारत और शहरी क्षेत्रों के बीच अंतर को पाट रहे हैं.
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती मांग विकास को तेज करने और एक मजबूत, समावेशी अर्थव्यवस्था के लिए इन प्रगति का लाभ उठाने की आवश्यकता को उजागर करती है. उन्होंने महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने, पूर्वोत्तर क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने के साथ ग्रामीण कारीगरों को सपोर्ट करने और जलवायु स्मार्ट और जैविक खेती प्रथाओं के जरिए कृषि उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया. उन्होंने नाबार्ड की ओर से किए जा रहे कार्यों की जानकारी साझा करते हुए कहा कि ग्रामीण विकास को टिकाऊ, न्यायसंगत और भारत की विकास आकांक्षाओं के अनुरूप बनाने के लिए अधिक सहयोग की जरूरत है.
नाबार्ड की ओर से कहा गया कि जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा और पर्यावरणीय स्थिरता के लिए जैविक खेती करना जरूरी है. केमिकल इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरता घट रही है, जिसे बचाने की जरूरत है. गोबरधन योजना के तहत खेत स्तर पर जैविक खाद उत्पादन को बढ़ावा देना है. इसके लिए पहले से ही 2324 बायोगैस और कंप्रेस्ड बायोगैस यूनिट लगाई जा चुकी हैं. जबकि, 2025 में देशभर में और बायोगैस प्लांट लगाए जाने हैं, जिससे बायो फर्टिलाइजर यानी जैविक खाद का उत्पादन बढ़ाना है. इसके साथ-साथ कुकिंग गैस और बिजली की सुविधा का लाभ भी किसान उठा सकेत हैं. कई निजी कंपनियां भी इस क्षेत्र में काम कर रही हैं.
राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम (एनपीओपी) के तहत प्रमाणन के जरिए जैविक निर्यात को मजबूत करना है. घरेलू बाजार के विकास को बढ़ावा देने के लिए 16,800 करोड़ की ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और इंडस्ट्री की भागीदारी का लाभ उठाना है. इसके अलावा विकसित भारत के लिए सहकारी समितियों को मजबूत करना भी टारगेट है. नाबार्ड की ओर से 67,000 से अधिक सहकारी समितियों को डिजिटल बनाने और सहकारी बैंकों के लिए साझा सेवाओं को बढ़ावा देने की पहल को ग्रामीण आबादी के लिए सुलभ और किफायती बैंकिंग सुनिश्चित करने के लिए बदलावों को लागू किया गया है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today