कोदो, कुटकी और मक्के को कब मिलेगी MSP, इन किसानों ने उठाई आवाज

कोदो, कुटकी और मक्के को कब मिलेगी MSP, इन किसानों ने उठाई आवाज

डिंडोरी के जिला परिषद सदस्य फूलचंद कुर्रम ने अपने इलाके में मोटे अनाज की पारंपरिक खेती के बारे में बताया. उन्होंने कहा, "यहां कोदो, कुटकी और मक्का जैसी फसलें बड़ी मात्रा में उगाई जाती हैं. हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि इन फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिले, साथ ही बजट में ऐसा प्रावधान किया जाए जिससे सरकार को सीधे बिक्री की सुविधा मिल सके."

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कोदो, कुटकी और मक्के को कब मिलेगी MSP, इन किसानों ने उठाई आवाजमक्के के लिए एमएसपी की मांग (सांकेतिक तस्वीर)

केंद्रीय बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा. उससे पहले मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले के आदिवासी इलाकों के किसानों ने मोटे अनाजों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP की गारंटी की मांग उठाई है. इन किसानों ने कहा है कि सरकार मोटे अनाज जैसे कोदो, कुटकी और मक्के जैसी फसलों के लिए एमएसपी गारंटी कब देगी. डिंडोरी जिले के किसान मुख्य तौर पर बारिश आधारित खेती पर निर्भर हैं. इस जिले के आदिवासी किसानों के पास खेत बहुत कम हैं. इसे देखते हुए उन्हें अपनी उपजों को उचित मूल्य पर बेचने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.

डिंडोरी के जिला परिषद सदस्य फूलचंद कुर्रम ने अपने इलाके में मोटे अनाज की पारंपरिक खेती के बारे में बताया. उन्होंने कहा, "यहां कोदो, कुटकी और मक्का जैसी फसलें बड़ी मात्रा में उगाई जाती हैं. हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि इन फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिले, साथ ही बजट में ऐसा प्रावधान किया जाए जिससे सरकार को सीधे बिक्री की सुविधा मिल सके."

डिंडोरी के किसानों की मांग 

डिंडोरी के किसान सिंचाई की कमी और जमीन की खराब स्थिति से जूझ रहे हैं और उन्हें अक्सर अपनी फसल स्थानीय व्यापारियों को कम कीमत पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ता है. स्थानीय किसान भगवत सिंह परसाटे ने हालात के बारे में बताया. 

परसाटे ने कहा, "पठारी जमीन अन्य फसलों के लिए उपयोगी नहीं होने के कारण यहां मोटे अनाज की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. हम उन्हें व्यापारियों को बेचते हैं, लेकिन हमें उचित मूल्य नहीं मिलता. सरकार को ऐसा कदम उठाना चाहिए कि हमें अपनी उपज के लिए बेहतर मूल्य मिले." 

एक अन्य किसान गणेश सिंह ने भी ऐसी ही बात कही. उन्होंने बताया, "हमें अपनी फसल कम कीमत पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ता है. मैं कोदो उगाता हूं और लगभग 10 से 15 बोरी पैदावार लेता हूं, लेकिन कीमत उचित नहीं है. हम चाहते हैं कि सरकार इन फसलों के लिए एमएसपी लागू करे और उनके लिए एक अलग मंडी बनाए."

इसी इलाके के किसान फूलशाह सिंह ने मांग दोहराते हुए कहा, "हम कोदो, कुटकी और मक्का जैसे मोटे अनाज उगाते हैं, लेकिन हमें उचित मूल्य नहीं मिल पाता है. हम सरकार से इन फसलों के लिए एमएसपी तय करने में मदद करने का आग्रह करते हैं."

 

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