
गर्मी का सीजन हो और आम का स्वाद न मिले तो सबकुछ फीका-फीका सा लगता है. इसका सीजन भी कुछ ही महीने के लिए होता है. इसीलिए लोग गर्मी में सब फलों से ध्यान हटाकर अपना पूरा फोकस आम पर लगा देते हैं. ऐसे में अगर किसी को दुनिया का सबसे महंगा आम खाने को मिल जाए तो इसकी बात ही कुछ और होगी. जी हां. आप सोच रहे होंगे कि आम की ऐसी कौन सी वेरायटी है जिसे सबसे महंगा होने का रिकॉर्ड प्राप्त है. तो जान लें, इस आम का नाम है मियाजाकी आम जो मुख्य तौर पर जापान में फलता है. इसे दुनिया का सबसे महंगा आम कहा जाता है. इसी आम को अब पश्चिम बंगाल में भी उगाया जा रहा है. झारखंड के जमतारा में भी इसकी कुछ बागवानी हुई है. लेकिन बंगाल की बात कुछ खास है.
बंगाल के वीरभूम जिले में मियाजाकी आम की खेती हो रही है. इस एक किलो आम की कीमत है तीन लाख रुपये. अगर एक किलो में यह आम चार या पांच आता होगा तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि एक नग आम की कीमत 20 हजार से 25 हजार रुपये तक हो सकती है. ये ऐसी कीमत है जो किसी को चौंका सकती है. लेकिन आम के स्वाद के कद्रदान कई ऐसे हैं जो मुंहमांगी कीमत देने के लिए तैयार रहते हैं.
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वीरभूम जिले के दुबराजपुर में एक मस्जिद में मियाजाकी आम का पौधा लगाया गया है. आम के इस पौधे को देखने के लिए पूरे प्रदेश के लोग यहां इकट्ठा हो रहे हैं. मूल रूप से जापान के मियाज़ाकी शहर से आने वाली आम की यह किस्म अप्रैल से अगस्त के बीच उगाई जाती है. मियाजाकी आम जैसे-जैसे पकता है, वह लोगों को हैरान करता है. खासकर इसका रंग सबको चौंकाता है. इसका रंग बैंगनी होता है. हालांकि, एक बार जब यह पूरी तरह पक जाता है, तो यह लाल रंग में बदल जाता है. एक मियाज़ाकी आम का वजन लगभग 350 ग्राम होता है.
इस आम को 'एग्स ऑफ सन' और 'किंग ऑफ फ्रूट' के नाम से भी जाना जाता है. शनिवार को मस्जिद में लगे मियाजाकी आम की नीलामी की गई जिसे खरीदने के लिए कई लोग पहुंचे. आम बिक्री से जो पैसा आएगा, उसे मस्जिद के विकास में खर्च किया जाएगा. दुबराजपुर के एक स्थानीय ग्रामीण ने मस्जिद में मियाजाकी के तीन पौधे लगाए थे. दो साल पहले ये पौधे लगाए गए थे. बाद में आसपास के लोगों को पता चला कि यह दुनिया का सबसे महंगा आम है. जैसे ही यह खबर फैली, दूर-दूर से लोग इसे देखने के लिए आने लगे.
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बंगाल की तरह झारखंड के जमताड़ा में भी दो भाइयों ने मियाजाकी आम की बागवानी की है. इन दो किसान भाइयों के नाम हैं अनिमेष और अरिंदम चक्रवर्ती. दरअसल, जापान के मियाजाकी प्रांत में उगने वाले इस आम का असली नाम ताइयो-नो-टोमागो है जिसे सूरज का अंडा भी कहते हैं. आम देखने में काफी खूबसूरत है और इसमें औषधीय गुण भी बहुत हैं. इस आम में औषधीय गुण होने के कारण इसकी कीमत अधिक होती है. पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में यह आम 15 सौ रुपये प्रति पीस तक बिकता है. अब इसी से समझ सकते हैं कि यह आम कितना महंगा होता है. भारत में इसे बहुत कम मात्रा में उगाया जाता है. साथ ही एक्सपोर्ट के हिसाब से ही इसकी बागवानी होती है. यही वजह है कि इसका दाम लाख में पहुंच जाता है.
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