खरीफ सीजन में श्रीअन्न फसलों की जमकर बुवाई किसानों ने की है, लेकिन बाजरा की खेती में किसानों कम रुचि दिखाई है. इसी वजह से बाजरा के रकबे में 1 लाख हेक्टेयर की गिरावट दर्ज की गई है. जबकि, केंद्र सरकार ने 2024-25 में बाजरा की सरकारी खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी 125 रुपये बढ़ा दिया है. कृषि एक्सपर्ट का मानना है कि बीते साल विपरीत मौसम और कीटो-रोगों के चलते फसल को भारी नुकसान पहुंचा था, जिससे किसानों ने इस बार बुवाई क्षेत्र घटा दिया है.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार खरीफ फसलों का बुवाई क्षेत्र 17 सितंबर 2024 तक 1096 लाख हेक्टेयर से ज़्यादा पहुंच गया है. इस वर्ष 410 लाख हेक्टेयर में धान की खेती की गई, जो बीते साल की तुलना में 17 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में अधिक है. इसी तरह इस वर्ष 127.77 लाख हेक्टेयर में दलहन की खेती की गई है, जो बीते साल से 9 लाख हेक्टेयर अधिक है. इसके अलावा इस वर्ष 193.32 लाख हेक्टेयर में तिलहन की खेती की गई है, जो बीते साल की तुलना में 3 लाख हेक्टेयर अधिक है. इसी तरह गन्ना की खेती 50 हजार हेक्टेयर से अधिक में की गई है.
श्रीअन्न फसलें यानी मोटे अनाज की खेती भी इस बार बंपर की गई है. कृषि मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि इस वर्ष 189.67 लाख हेक्टेयर में श्रीअन्न यानी मोटे अनाज की खेती की गई है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 183.11 लाख हेक्टेयर की गई थी. इस हिसाब से 6 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में इस बार अधिक बुवाई की गई है. मोटे अनाज में सर्वाधिक बुवाई मक्का की गई है. बीते साल की तुलना में इस बार मक्का का बुवाई क्षेत्र 4 लाख हेक्टेयर बढ़कर 87.50 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है.
खरीफ सीजन में किसानों ने मक्का, रागी, ज्वार की जमकर बुवाई की है, लेकिन बाजरा की खेती से मुंह मोड़ लिया है. इसी वजह से बाजरा का बुवाई क्षेत्र 1 लाख हेक्टेयर घट गया है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 17 सितंबर 2024 तक देशभर में 69.88 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बाजरा की खेती की गई है. जबकि, बीते साल समान अवधि तक 70.89 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बाजरा की बुवाई की गई थी. इस हिसाब से इस बार किसानों ने करीब 1 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बाजरा की कम बुवाई की है.
बाजरा किसानों को उत्पादन बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी में बढ़ोत्तरी की घोषणा कर रखी है. केंद्र ने 2024-25 सीजन के लिए बाजरा का एमएसपी रेट 125 रुपये बढ़ाकर 2625 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है. एमएसपी बढ़ने के बावजूद खेती का रकबा नहीं बढ़ने के पीछे की बड़ी वजह फसल के लिए विपरीत मौसम और कीट, रोगों का प्रकोप भी है. जबकि, बड़ी संख्या में बाजरा किसान मक्का की ओर शिफ्ट हो गए हैं. क्योंकि, मक्का की सरकारी खरीद के लिए ऑनलाइन, ऑफलाइन दोनों तरीके सरकार ने दिए हैं और एमएसपी रेट में 135 रुपये की बढ़ोत्तरी की है.
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