मक्का किसानों की उपज बिक्री और सही दाम उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने मानक प्रक्रिया जारी की है, जिसके तहत डिस्टलरी इथेनॉल मिश्रण के लिए किसानों से एमएसपी गारंटी कीमत पर उपज खरीदेंगी. सरकारी एजेंसियां नेफेड (NAFED) और एनसीसीएफ (NCCF) डिस्टलरीज के साथ समझौते का हिस्सा बनेंगी, ताकि मक्का किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी का लाभ मिल सके और उन्हें दिक्कत न हो. जबकि, सरकार के इस कदम से डिस्टिलरी को इथेनॉल के लिए बिना रुकावट भरपूर मक्का आपूर्ति मिल सकेगी.
सरकार ने किसानों से मक्का खरीद के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की है, जिसके तहत सहकारी समिति नेफेड और एनसीसीएफ इथेनॉल प्रोडक्शन के लिए मक्का की गारंटी कीमत 2,291 रुपये प्रति क्विंटल पर आपूर्ति के लिए डिस्टिलरीज के साथ करार करेंगी. इस क्रम में मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा स्थित एक डिस्टिलरी और नेफेड के बीच पहला समझौता हो रहा है.
बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के अनुसार सरकार की मानक प्रक्रिया के तहत नेफेड (NAFED) और एनसीसीएफ (NCCF) इथेनॉल सप्लाई वर्ष के लिए पहले से तय निर्धारित कीमत, मात्रा, आपूर्ति के स्थान और अन्य कमर्शियल नियमों और शर्तों के साथ मक्का की आपूर्ति के लिए डिस्टिलरीज के साथ सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट में जुड़ेंगे.
रिपोर्ट के अनुसार इथेनॉल सप्लाई ईयर 2023-24 के लिए डिस्टिलरी के लिए किसानों को भुगतान की जाने वाली मक्का की कीमत 2,291 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है. इसमें सभी खरीद लागत और एजेंसी मार्जिन भी शामिल हैं. मक्के पर वर्तमान एमएसपी दर 2,090 रुपये प्रति क्विंटल है. लेकिन, इसे संशोधित कर अक्टूबर 2024 से प्रभावी किया गया है.
सरकार का यह कदम पेट्रोल के साथ इथेनॉल के मिश्रण को बढ़ाने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है. दरअसल, इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ESY) 2022-23 में मिश्रण 12 प्रतिशत तक पहुंच गया और 2023-24 में इसके 15 प्रतिशत तक पहुंचने का टारगेट है. आंकड़ों के अनुसार नवंबर 2023 से शुरू हुए चालू इथेनॉल वर्ष में मिश्रण दर 31 जनवरी तक लगभग 12 प्रतिशत थी. इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम (EBP) का उद्देश्य जैव ईंधन को बढ़ावा देना, किसानों की आय बढ़ाना और कच्चे तेल पर आयात बिल को कम करना है.
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