बेमौसम बारिश से केरल और कर्नाटक में कॉफी उत्पादक परेशान, 30 प्रतिशत तक इस किस्म को पहुंचा नुकसान

बेमौसम बारिश से केरल और कर्नाटक में कॉफी उत्पादक परेशान, 30 प्रतिशत तक इस किस्म को पहुंचा नुकसान

कर्नाटक प्लांटर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष महेश शशिधर ने कहा कि कोडागु, चिक्कमगलुरु, हसन और वायनाड जिलों में बेमौसम बारिश का सबसे ज्यादा असर देखने को मिल रहा है. कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, 1 से 8 जनवरी के दौरान सामान्य 1 मिमी बारिश के मुकाबले, चिक्कमगलुरु जिले में 21 मिमी बारिश हुई है.

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बेमौसम बारिश से केरल और कर्नाटक में कॉफी उत्पादक परेशान, 30 प्रतिशत तक इस किस्म को पहुंचा नुकसानबारिश से कॉफी उत्पादन हो सकता है प्रभावित. (सांकेतिक फोटो)

बेमौसम बारिश ने कॉफी उत्पादकों की चिंता बढ़ा दी है. कहा जा रहा है कि पिछले दिनों कर्नाटक और केरल में बरसात होने से किसान कॉपी की कटाई नहीं कर पा रहे हैं. किसानों का कहना है कि बारिश से फसल में नमी आ गई है. अगर वे ऐसी स्थिति में कटाई करते हैं, तो उपज प्रभावित हो सकती है. वहीं, मौसम खराब होने के चलते पहले से कटी हुई कॉफी को भी उत्पादक अच्छी तरह से सुखा भी नहीं पा रहे हैं. वहीं, एक्सपर्ट का कहना है कि इस बेमौसम बारिश से अगले साल तैयार होने वाली कॉफी की रोबस्टा किस्म पर भी असर पड़ सकता है.

बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, कोडागु प्लांटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ए नंदा बेलियप्पा ने कहा कि बेमौसम बारिश किसानों को परेशान कर सकती है. उन्होंने कहा कि बारिश के चलते कॉफी की अरेबिका किस्म में फलिया फूट कर गिर सकती हैं. इसके अलावा कॉफी की रोबस्टा किस्म में भी 20 से 25 फूल आ सकते हैं, जिससे फसल प्रभावित हो सकती है. क्योंकि जब फूल आने शुरू हो जाएंगे तो कोई भी फसल नहीं तोड़ सकता है.

किसानों को लगा दोहरा झटका 

बेलियप्पा ने कहा कि अगर उचित बैकिंग बारिश नहीं हुई, तो इससे अगले साल फसल की पैदावार पर भी असर पड़ेगा. बेलियप्पा ने कहा कि कोडगु में लगभग 20 प्रतिशत अरेबिका किस्म और 35 से 40 प्रतिशत रोबस्टा किस्म प्रभावित हुई हैं. खास बात यह है कि कोडागु देश का सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक जिला है. ऐसे में किसानों को दोहरा झटका लगा है.

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इतनी मिमी बारिश हुई

कर्नाटक प्लांटर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष महेश शशिधर ने कहा कि कोडागु, चिक्कमगलुरु, हसन और वायनाड जिलों में बेमौसम बारिश का सबसे ज्यादा असर देखने को मिल रहा है. कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, 1 से 8 जनवरी के दौरान सामान्य 1 मिमी बारिश के मुकाबले, चिक्कमगलुरु जिले में 21 मिमी बारिश हुई है, जबकि हसन में 31 मिमी और कोडागु में 17 मिमी बारिश हुई है. यह उत्पादकों के लिए दोहरी मार है, क्योंकि मौजूदा फसल और अगले साल की फसल भी प्रभावित होगी.  उन्होंने कहा कि मौसम के अलावा श्रमिकों की कमी भी उत्पादकों की परेशानी बढ़ा रही है.

ये है कॉफी का रेट

हालांकि, इस साल रोबस्टा किस्म की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर हैं. ऐसे में उत्पादकों को अफसोस है कि प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण वे मौजूदा कीमतों का पूरा फायदा नहीं उठा पाएंगे. नई फसल के लिए रोबस्टा चर्मपत्र की फार्मगेट कीमतें 50 किलोग्राम बैग के लिए 11,000 रुपये के स्तर के आसपास हैं, जो पिछले साल की समान अवधि के 8,300 रुपये के स्तर से 32 प्रतिशत अधिक है. इसी तरह, रोबस्टा चेरी की कीमतें 6,600-6,800 रुपये के दायरे में हैं, जो पिछले साल के 4,200-4,250 रुपये के स्तर से 57 प्रतिशत अधिक है.

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इतना है कॉफी का उत्पादन

जबकि अरेबिका चर्मपत्र की कीमतें 13,700-13,900 रुपये के स्तर पर चल रही हैं. लगभग पिछले साल के स्तर के समान, अरेबिका चेरी की कीमतें 1,000 रुपये प्रति बैग से बढ़कर 7,750-7,850 रुपये के स्तर पर पर पहुंच गया है. रोबस्टा भारत में व्यापक रूप से उत्पादित किस्म है जो लगभग 3.5 लाख टन के कुल उत्पादन का दो-तिहाई से अधिक है. वायनाड कॉफी ग्रोअर्स एसोसिएशन के निदेशक प्रशांत राजेश ने कहा कि बारिश ने फसल की कटाई और सुखाने की प्रक्रिया को बाधित कर दिया है. वायनाड केरल का प्रमुख कॉफी उत्पादक क्षेत्र है और यहां मुख्य रूप से रोबस्टा किस्म का उत्पादन होता है, जहां सेम की तुड़ाई का लगभग 25 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है.

 

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