भारतीय कॉफी की कीमत रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंची, 50 किलो बैग का भाव 20 हजार रुपये के पार

भारतीय कॉफी की कीमत रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंची, 50 किलो बैग का भाव 20 हजार रुपये के पार

कॉफी किस्म अरेबिका का भाव रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया है. लेकिन, कॉफी उत्पादकों ने अभी कटाई शुरू की है और फेंगल की वजह से बारिश हो गई है. किसानों ने कहा कि इस समय बारिश फसल के लिए बहुत खराब है, क्योंकि कटाई एक समस्या बन जाती है. साथ ही सुखाने में भी समस्या भी होती है. इसलिए यह स्थितियां किसानों के लिए मुश्किल बनेंगी.

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भारतीय कॉफी की कीमत रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंची, 50 किलो बैग का भाव 20 हजार रुपये के पारअनियमित मौसम से कॉफी फसल में करीब 4 सप्ताह की देरी देखी गई है.

भारतीय प्रीमियम कॉफी किस्म अरेबिका (arabica parchment) की कीमत ने नया रिकॉर्ड बनाया है. वैश्विक कीमत ट्रेंड के हिसाब से 50 किलो का बैग 20 हजार रुपये कीमत के पार पहुंच गया. इस कॉफी के उत्पादक राज्य कर्नाटक में मौजूदा फेंगल चक्रवात की वजह से फसल को नुकसान पहुंचने की चिंताओं ने परेशानी बढ़ा दी है. जबकि, अरेबिका की क्वालिटी पर भी प्रभावित हो सकती है, जबकि अनियमित मौसम की वजह से फसल में करीब 4 सप्ताह की देरी देखी गई है. इन वजहों ने उत्पादकों की चिंता बढ़ा दी है.

भारतीय कॉफी किस्म का भाव 

प्रीमियम कॉफी किस्म अरेबिका पार्चमेंट (arabica parchment) का भाव सोमवार को 19,500 से 20,800 रुपये के आसपास दर्ज किया गया है. जबकि, अरेबिका चेरी की कीमत 11,500 से 12,000 रुपये के स्तर पर रही. वहीं, रोबस्टा पार्चमेंट की कीमतें 19,000 से 19,500 रुपये के स्तर पर ठिठक गईं. इसके अलावा रोबस्टा चेरी का भाव 11,200 से 11,500 रुपये प्रति 50 किलोग्राम के आसपास रहा है. आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में कीमतें एक तिहाई से अधिक हैं.

फसल में 3 हफ्ते की देरी से कीमतों पर दबाव बढ़ेगा 

रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक के कोडागु जिले के एक कॉफी प्रोसेसर ने कहा कि अरेबिका पार्चेमेंट कॉफी किस्म की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं. उन्होंने कहा कि यह कीमतें आगे भी इसी स्तर के आसपास बनी रह सकती हैं, क्योंकि फेंगल चक्रवात से फसल का नुकसान हुआ है. इससे फसल में करीब 3 सप्ताह की देरी के साथ ही क्वालिटी और उत्पादन में गिरावट दर्ज होगी. उन्होंने कहा कि इसके अलावा वर्तमान में बहुत अधिक खरीदार भी नहीं हैं. खरीदारों को बाजार में आने में 15 दिन से एक महीने का समय लगेगा. 

कटाई के बीच बारिश नुकसान पहुंचा रही  

कॉफी उत्पादकों ने अभी कटाई शुरू की है और फेंगल की वजह से बारिश हो गई है. किसानों ने कहा कि इस समय बारिश फसल के लिए बहुत खराब है, क्योंकि कटाई एक समस्या बन जाती है. साथ ही सुखाने में भी समस्या भी होती है. इसलिए यह स्थितियां किसानों के लिए मुश्किल बनेंगी. उन्होंने कहा कि कॉफी के मौजूदा उच्चतम स्तर के भाव का फायदा कितने किसानों को मिल पायगा इसपर कुछ कहना जल्दबाजी होगी. कॉफी निर्यातक संघ के एक प्रतिनिधि की ओर से कहा गया कि उत्पादकों के लिए कीमतें अच्छी हैं, लेकिन हमें नहीं पता कि हाल ही में हुई बारिश का फसल पर कितना असर पड़ा है. हालांकि खरीदार पूछताछ कर रहे हैं, लेकिन फसल और उसके आने के समय को लेकर अनिश्चितताओं के कारण खरीद की कम इच्छा के साथ ही भारी मूल्य भी एक समस्या है. 

मुश्किल बढ़ा रहे ये फैक्टर्स 

कर्नाटक प्लांटर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि ने कहा कि कहा कि बाजार में देखी जा रही अस्थिरता की तुलना में उत्पादक एक स्टेबल प्राइस ट्रेंड को प्रॉयरिटी देते हैं. अभी तुड़ाई शुरू ही हुई है और चक्रवात के कारण हुई बारिश से फलों को सुखाने में दिक्कत आ रही है, जिससे उनकी क्वालिटी पर असर पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि लगातार बारिश के चलते फल पौधों पर ही फट जाएंगे और गिर जाएंगे, इससे क्वालिटी की समस्या होगी. उन्होंने आगे कहा कि कीमतों में बढ़ोत्तरी से लागत भी बढ़ रही है और श्रमिक अधिक मजदूरी की मांग कर रहे हैं.

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