खाद्य तेल आयात नई ऊंचाई पर पहुंचा, रिकॉर्ड 16.47 मिलियन टन इंपोर्ट की ये है वजह, क्या दाम पर पड़ेगा असर?

खाद्य तेल आयात नई ऊंचाई पर पहुंचा, रिकॉर्ड 16.47 मिलियन टन इंपोर्ट की ये है वजह, क्या दाम पर पड़ेगा असर?

भारत का कुल खाद्य तेल आयात बढ़कर रिकॉर्ड 16.47 मिलियन टन हो गया है. यह एक साल पहले की तुलना में 17.4% अधिक है. वनस्पति तेल आयात में  24 फीसदी बढ़ा है तो सूजरमुखी तेल खरीद 54 फीसदी बढ़ गई है. आयात में बढ़ोत्तरी वैश्विक बाजार में कीमतों को प्रभावित करेगी. हालांकि, स्थानीय स्तर पर कीमतों में असर दिखने की संभावना नहीं है.

Advertisement
खाद्य तेल आयात नई ऊंचाई पर पहुंचा, रिकॉर्ड 16.47 मिलियन टन इंपोर्ट की ये है वजह, क्या दाम पर पड़ेगा असर?सरकार के इंपोर्ट टैक्स कटौती से विदेश से तेल खरीद को बढ़ावा मिला है.

देश में खाद्य तेल कई देशों से आयात किया जाता है. साल 2022-23 के दौरान भारत का कुल खाद्य तेल आयात बढ़कर रिकॉर्ड 16.47 मिलियन टन हो गया है. यह एक साल पहले की तुलना में 17.4% बढ़ोत्तरी को दर्शाता है. वनस्पति तेल आयात में  24 फीसदी का उछाल आया है तो सूजरमुखी तेल खरीद 54 फीसदी बढ़ गई है. भारत के खाद्य तेल आयात में बढ़ोत्तरी इस ओर इशारा करती है कि विक्रेता देशों में स्टॉक कम होगा जो वैश्विक बाजार में कीमतों को प्रभावित करेगा. हालांकि, स्थानीय स्तर पर कीमतों में असर दिखने की संभावना नहीं है. 

मुंबई स्थित सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SAE) ने खाद्य तेल आयात के आंकड़े जारी किए हैं. दुनिया के सबसे बड़े वनस्पति तेल आयातक भारत की ओर से अधिक खाद्य तेल खरीद करने के चलते इंडोनेशिया और मलेशिया में वनस्पति तेल के स्टॉक को कम करने और बेंचमार्क वायदा कीमतों को समर्थन देने में मदद मिल सकती है. खरीदारी से सोयाबीन तेल उत्पादक काला सागर के आसपास वाले देशों में स्टॉक कम हो सकता है.

खाद्य तेल आयात बढ़कर रिकॉर्ड 16.47 मिलियन टन हुआ 

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ने बयान में कहा कि 31 अक्टूबर को समाप्त मार्केटिंग ईयर 2022-23 में वनस्पति तेल का आयात 9.79 मिलियन मीट्रिक टन था, जबकि सूरजमुखी के तेल का आयात बढ़कर 3 मिलियन टन हो गया है. हालांकि, इस दौरान सोयाबीन तेल का आयात 12% गिरकर 3.68 मिलियन टन हो गया, क्योंकि अधिकांश महीनों में यह वनस्पति तेल और सूरजमुखी तेल से अधिक प्रीमियम पर कारोबार कर रहा था. एसोसिएशन ने कहा कि वर्ष में कुल खाद्य तेल आयात बढ़कर रिकॉर्ड 16.47 मिलियन टन हो गया, जो एक साल पहले की तुलना में 17.4% अधिक है. 

खाद्य तेल आयात बढ़ने की ये है वजह 

खाद्य तेल आयात बढ़ने की वजह इंपोर्ट टैक्स में 5.5% की कटौती को माना जा रहा है. सरकार के इंपोर्ट टैक्स कटौती से विदेशी खरीद को बढ़ावा मिला है. वैश्विक बाजार में खाद्य तेल की कीमतों में सुधार के साथ-साथ कम शुल्क के कारण यह सस्ता हो गया है और खपत भी बढ़ गई है. इसके चलते आयात में बढ़ोत्तरी के आंकड़े दर्ज किए गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिफाइनर नवंबर से जनवरी और जुलाई से सितंबर के दौरान आक्रामक तरीके से खरीदारी कर रहे थे, क्योंकि विश्व बाजार में कीमतें आकर्षक थीं. 

ये भी पढ़ें - आधार से लिंक नहीं किए गए 11.5 करोड़ पैन कार्ड रद्द, संपत्ति बिक्री समेत इन 10 काम के लिए ज्यादा टैक्स देना होगा 

नवंबर में तेल स्टॉक बढ़ा पर अक्टूबर में आयात घटा 

भारत मुख्य रूप से इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड से वनस्पति तेल खरीदता है. वहीं, अर्जेंटीना, ब्राजील, रूस और यूक्रेन से सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल खरीदा जाता है. एसईए ने कहा कि अधिक आयात से वनस्पति तेल का स्टॉक एक नवंबर को 3.3 मिलियन टन तक बढ़ गया, जो एक साल पहले 2.46 मिलियन टन था. वहीं, अक्टूबर में देश का वनस्पति तेल आयात एक महीने पहले से 15% गिरकर 708,706 टन हो गया, जो 4 महीने में सबसे कम है. अक्टूबर में सोयाबीन तेल का आयात सितंबर से 62% घटकर 135,325 टन रह गया, जो 34 महीनों में सबसे कम है. इसमें कहा गया है कि सूरजमुखी तेल 49% गिरकर 153,780 टन पर आ गया, जो 7 महीनों में सबसे कम है. 

POST A COMMENT