बाराबंकी में 9 किसानों को लाखों का नुकसान, कहीं आग की भेंट न चढ़ जाए आपकी फसल, बचाव में अपनाएं ये 10 उपाय
बाराबंकी में लगी आग ने किसानों को गहरा आघात पहुंचाया है. उनकी मेहनत और उम्मीदों पर पानी फिर गया है. ऐसे में अन्य किसानों के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं जो इस तरह की घटनाओं से बचा सकते हैं. इन सुझावों से फसलों को बचाने में मदद मिलेगी.
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के सिरौली गौसपुर क्षेत्र के रसूलपुर खुर्दमऊ में एक दुखद घटना सामने आई है. यहां गेहूं के खेतों में अचानक आग लगने से लगभग 30 बीघा फसल जलकर राख हो गई. इस घटना में नौ किसानों को लाखों रुपयों का नुकसान हुआ है. जब किसानों को आग लगने की खबर मिली तो वे खेतों में पहुंचे और अपनी जली हुई फसल को देखकर रो पड़े. उनकी मेहनत और उम्मीदें पल भर में आग की लपटों में जल गईं. इसमें 30 बीघा फसल 600 क्विंटल के करीब गेहूं की उपज जली, 9 किसानों को लाखों का नुकसान हूुआ है.
वर्तमान में तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है और गेहूं की फसल पककर तैयार है, जिससे आग लगने की घटनाओं में वृद्धि हो रही है. आग लगने से आर्थिक और जनहानि होने की संभावना प्रबल है. उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में आग की घटनाओं को कम करने और घटनाओ को रोकने के लिए किसानों और गांव के लोगों को सुझाव दिए हैं.
चूल्हे की गर्म राख को पूरी तरह ठंडा करके ही बाहर फेंकें.
जानवरों को बांधने के स्थान के पास रात में मच्छर भगाने के लिए आग जलाकर धुआं न करें. इससे तेज हवा चलने पर आग लगने का खतरा रहता है.
गांव के बाहर और अंदर कूड़े के ढेर पर गर्म राख न डालें. यदि कूड़े में आग या धुआं जलता दिखाई दे, तो तुरंत पानी डालकर बुझा दें.
जलती बीड़ी/सिगरेट के टुकड़ों को पैर से कुचलकर और पूरी तरह बुझाकर ही फेंकें.
घर में रसोई की छत पर यदि छप्पर हो तो उसे हटाकर टिन/एसबेस्टस की शीट लगाएं. अन्यथा छप्पर के ऊपर और नीचे मिट्टी का लेप करें.
कंडे और भूसे के छप्पर/रखने के स्थान के पास गर्म राख आदि न डालें.
बड़े सिलेंडर से छोटे सिलेंडर में एलपीजी गैस कभी न भरें.
कृषि यंत्रों में प्रयोग होने वाले डीजल/पेट्रोल और अन्य ज्वलनशील पदार्थों को सुरक्षित स्थान पर रखें और उनके ऊपर बिजली के बल्ब आदि न हों.
घरों में इन्वर्टर के पास कूड़ा/कागज/रद्दी आदि इकट्ठा न करें.
पुआल/कंडे (ईंधन) को निवास स्थान और घास-फूस के छप्परों से सुरक्षित दूरी पर खुले स्थान पर रखें.
गेहूं के खेतों की करें कड़ी निगरानी
गेहूं की फसलों के ऊपर से जा रही विद्युत लाइनों में ढीले तारों के बीच लकड़ी के स्टेक लगवाएं.
गेहूं की फसल के पास यदि कूड़े के ढेर हों, तो उन पर निगरानी रखें.
गेहूं की फसल की कटाई के बाद अवशेषों को कभी न जलाएं.
यदि खेत में ट्रांसफार्मर और विद्युत लाइन जा रही है, तो उसके नीचे गेहूं की फसल को इकट्ठा न करें.
अगर संभव हो, तो ट्रांसफार्मर के नीचे 30x30 वर्ग मीटर के क्षेत्र में गेहूं की कटाई जल्द से जल्द कर लें.
तेज हवा चलने पर गन्ने की पत्ती, गेहूं का डंठल, घास-फूस आदि न जलाएं.
गेहूं की मड़ाई करते समय 200 लीटर पानी का ड्रम भरकर पास रखें.
खेत-खलिहान में बीड़ी, सिगरेट आदि धूम्रपान न करें.
खलिहान के पास खाना न बनाएं.
गांव के मुख्य स्थान पर स्थानीय थाना/अग्निशमन केंद्र के नंबर लिखकर रखें.
इन उपायों का पालन करके आप अपनी फसल को आग से बचा सकते हैं और नुकसान को कम कर सकते हैं. अभी का सीजन बहुत खतरनाक चल रहा है जिसमें फसलों में आग लगने की घटनाएं आम होती हैं. इससे बचाव ही इसकी सुरक्षा है.