बारिश से बागवानी फसलों के प्लांटेशन ने तेजी पकड़ी, ज्यादा बर्फबारी बढ़ाएगी सेब किसानों की मुश्किलें

बारिश से बागवानी फसलों के प्लांटेशन ने तेजी पकड़ी, ज्यादा बर्फबारी बढ़ाएगी सेब किसानों की मुश्किलें

डॉ. एसके भारद्वाज ने बताया कि दिसंबर में कई बार हो चुकी हल्की बारिश से मिट्टी में नमी बढ़ गई है जो बागवानी फसलों के प्लांटेशन के लिए एकदम सही है. उन्होंने कहा कि इस बार गर्मियों में मॉनसूनी बारिश भी अच्छी रही है. इसके चलते उत्पादक पहले से ही भरपूर बागवानी फसलें करने का मन बनाए हुए हैं. 

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बारिश से बागवानी फसलों के प्लांटेशन ने तेजी पकड़ी, ज्यादा बर्फबारी बढ़ाएगी सेब किसानों की मुश्किलें उत्पादकों ने अपने बागानों की कंटाई-छटाई भी लगभग पूरी कर ली है.

दिसंबर में दिल्ली एनसीआर समेत कई राज्यों और पहाड़ी इलाकों में हुई बारिश से बागवानी फसलों के प्लांटेशन ने रफ्तार पकड़ ली है. हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर में बागवानी फसलों में कीवी, जापानी फल , प्लम, अखरोट, सेब समेत कुछ अन्य बागवानी फसलों का प्लांटेशन उत्पादक तेजी से कर रहे हैं. हालांकि, सेब किसान अधिक बर्फबारी की चिंताओं से परेशान हैं. क्योंकि सेब के पौधे बर्फ में दबकर खराब हो सकते हैं. वहीं, चेरी, एप्रीकोट, नाशपाती, खुरमानी, आड़ू, अंजीर, अनार  उत्पादकों ने अपने बागानों की कंटाई-छटाई भी लगभग पूरी कर ली है. 

हिमाचल प्रदेश की वाईएस परमार हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री यूनिवर्सिटी में डिपार्टमेंट ऑफ इनवॉयरमेंट के हेड डॉ. एसके भारद्वाज ने बताया कि दिसंबर में 4 बार बारिश हो चुके है. 3 बार हल्की बारिश और बीते दिनों तो रातभर और दिन भर बारिश हुई है. इससे जमीन में नमी बढ़ गई है जो बागवानी फसलों के प्लांटेशन के लिए एकदम सही है. उन्होंने कहा कि इस बार गर्मियों में मॉनसूनी बारिश भी अच्छी रही है. इसके चलते उत्पादक पहले से ही भरपूर बागवानी फसलें करने का मन बनाए हुए हैं. 

उन्होंने कहा बारिश और होती है तो नई प्लांटेशन एक्टिविटी और तेज हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि अगर हिमाचल और उत्तराखंड में बर्फबारी ज्यादा हुई तो सेब प्लांटेशन को नुकसान हो सकता है. क्योंकि, सेब के छोटे पौधे बर्फ में दबकर खराब हो सकते हैं. इसलिए कुछ इलाकों के सेब किसान 15 जनवरी बीतने का इंताजर भी कर रहे हैं. हालांकि, जम्मू-कश्मीर के किसानों को सलाह दी गई है कि वे हल्की बर्फबारी में फिलहाल सेब की बुवाई न करें. 

इन बागवानी फसलों का हो रहा प्लांटेशन 

एक्सपर्ट के अनुसार दिसंबर से फरवरी तक बागवानी फसलों का प्लांटेशन होता है. ज्यादा ठंडे इलाकों में बागवानी फसलों की जमकर बुवाई हो रही है, जो मार्च तक चलती है.

  1. हिमाचल के किन्नौर में अंगूर उत्पादकों ने प्लांटेशन का काम और तेज कर दिया है. 
  2. ताबो इलाके में सेब की बुवाई भी शुरू हो गई है.  
  3. सेब, कीवी, जापानी फल परसीमन, प्लम, अखरोट प्लांटेशन तेज हुआ. 
  4. चेरी, एप्रीकोट, नाशपाती, खुरमानी, आड़ू, अंजीर, अनार का प्लांटेशन हो रहा. 
  5. इस सीजन में बागानों की प्रूनिंग भी तेज रफ्तार में चल रही. 
  6. बागवानी किसानों को सलाह 

डॉ. एसके भारद्वाज ने क्लाइमेट बदलाव को देखते हुए किसानों को सलाह दी है कि सब्जी फसलों के अलावा, गेहूं, मक्का की खेती भी किसानों को करनी चाहिए. 

  • सालाना क्रॉप जैसे सब्जियों की खेती के लिए सूखे की स्थिति का ध्यान रखना जरूरी है. 
  • फलों के बागानों में मल्टी क्रॉप और फसलों का इंटीग्रेशन करना बेहतर होगा. 
  • क्लाइमेट को देखते हुए लाइव स्टॉक कंपोनेंट पर भी किसान ध्यान दें. 
  • सब ट्रॉपिकल फलों जैसे अमरूद, आम की खेती किसानों के लिए लाभदायक होगी. 

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