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छोटे चाय किसानों की वित्तीय मुश्किलें दूर करेगी सरकार, बड़ी चाय कंपनियों पर निर्भरता खत्म करने की योजना 

छोटे चाय किसानों की वित्तीय मुश्किलें दूर करेगी सरकार, बड़ी चाय कंपनियों पर निर्भरता खत्म करने की योजना 

चाय की खेती करने वाले छोटे उत्पादक वित्तीय मुश्किलों से जूझ रहे हैं, क्योंकि उन्हें अपनी उपज का भुगतान पाने के लिए बड़ी कंपनियों पर निर्भर रहना पड़ रहा है. इसके अलावा उन्हें कृषि विभाग से दी जाने वाली कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिलता है.

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छोटे चाय किसानों की वित्तीय मुश्किलें दूर करेगी सरकार छोटे चाय किसानों की वित्तीय मुश्किलें दूर करेगी सरकार

चाय की खेती करने वाले छोटे उत्पादक वित्तीय मुश्किलों से जूझ रहे हैं, क्योंकि उन्हें अपनी उपज का भुगतान पाने के लिए चाय खरीद करने वाली बड़ी कंपनियों पर निर्भर रहना पड़ रहा है. इसके अलावा उन्हें कृषि विभाग से दी जाने वाली कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिलता है. जबकि, छोटे चाय उत्पादक पहले से ही आर्थिक संकटों का सामना कर रहे हैं. ऐसे में चाय उत्पादकों की दिक्कतों को दूर करने के लिए केंद्र सरकार किसान कल्याण योजनाएं लागू करने का विचार कर रही है. 

उपज का सही मूल्य पाने की चुनौती 

छोटे चाय किसानों की मुश्किलों को लेकर चाय उत्पादक संघ ने वाणिज्य मंत्रालय से किसान कल्याण योजनाओं को लागू करने का आग्रह किया है. छोटे चाय किसानों की शीर्ष संस्था भारतीय लघु चाय उत्पादक संघ (CISTA) ने वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय से हरी चाय की पत्तियों की खराब कीमत वसूली से प्रभावित किसानों को सही दाम दिलाने समेत सरकारी जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की मांग की है. 

बड़ी कंपनियों पर निर्भर छोटे उत्पादक 

चाय उत्पादक संघ ने केंद्र सरकार से कहा है कि उन्हें मूल्य निर्धारण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें विभिन्न कृषि कल्याण योजनाओं के दायरे में शामिल करने का आग्रह किया है. मंत्रालय से कहा गया है कि बड़े चाय उत्पादकों की तुलना में छोटे चाय किसानों के पास सौदेबाजी करने की शक्ति नहीं है. ऐसे में छोटे चाय किसान मूल्य निर्धारण के मामले में बहुराष्ट्रीय चाय कंपनियों पर निर्भर रहते हैं. 

किसान श्रेणी में न होने से लाभ नहीं मिल रहे  

छोटे चाय किसान (Small Tea Growers) केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के दायरे में आते हैं और वह किसान कैटेगरी से बाहर हैं. इससे उन्हें कृषि विभाग की ओर से दी जाने वाली कई प्रमुख कृषि कल्याण योजनाओं के लिए अयोग्य हो जाते हैं. ऐसे में छोटे चाय उत्पादकों को कृषि से जुड़े लोगों को दी जाने वाली सरकार लिए लाभकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता है. फसल बीमा से लेकर आय सहायता तक की योजनाओं में शामिल करने का अनुरोध किया. 

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय विचार कर रहा  

चाय उत्पादक संघ ने केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को बताया है कि हजारों छोटे चाय उत्पादकों की आजीविका दांव पर है. संघ ने सरकार से कृषि विभाग के साथ संपर्क करने और चाय उत्पादकों के लिए इन आवश्यक योजनाओं को लागू करने का अनुरोध किया है. संभावना जताई जा रही है कि केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय इसको लेकर बेहद सकारात्मक है और चाय उत्पादकों को कृषि जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने पर विचार कर रहा है. 

मंजूरी के बाद इन योजनाओं का मिलेगा लाभ 

यदि सरकार छोटे चाय उत्पादकों को कृषि जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने के प्रस्ताव को मंजूरी देती है तो कई योजनाएं छोटे चाय उत्पादकों के लिए लागू हो जाएंगी. इन योजनाओं में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना  और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का लाभ मिलने लगेगा. 

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