केंद्र सरकार महंगाई दर को कंट्रोल करने के लिए सस्ती कीमत में खाद्य पदार्थ बिक्री करा रही है. इसी के तहत सस्ती कीमत पर भारत ब्रांड के नाम से आटा बिक्री की जा रही है. गेहूं और आटा की उपलब्धता बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार ने मिलर्स पर सख्ती बरतते हुए उन्हें स्टॉक का खुलासा करने के निर्देश दिए हैं. जबकि, सहकारी समितियों नेफेड और एनसीसीएफ को सीधे गेहूं खरीद की छूट दी है. बता दें कि आमतौर पर खाद्यान्न खरीद के लिए एफसीआई नोडल एजेंसी है.
सांख्यिकी मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार फरवरी 2024 महीने में खाद्य महंगाई दर में बढ़कर 8.66 फीसदी पहुंच गई है, जो जनवरी में 8.30 फीसदी दर्ज थी. खाद्य महंगाई दर बास्केट में अकेले गेहूं-चावल जैसे अनाज और उससे जुड़े प्रोडक्ट्स की महंगाई दर 7.60 फीसदी दर्ज की गई, जो जनवरी में यह 7.83 फीसदी रही थी. खाद्य महंगाई दर बढ़ने में अनाज की महंगी कीमतों का बड़ा योगदान है. इसे रोकने के लिए केंद्र सरकार सस्ती कीमत पर भारत ब्रांड आटा, चावल, दाल, प्याज आदि खाद्य पदार्थों की बिक्री कर रही है.
भारत ब्रांड आटा के तहत केंद्र सरकार 27.50 रुपये प्रति किलो की दर से बिक्री कर रही है. यह सस्ता आटा देशभर में 800 वैन और 2000 से अधिक दुकानों के जरिए बेचा जा रहा है. रिपोर्ट के अनुसार नवंबर में भारत आटा की बिक्री शुरू की गई थी, फरवरी 2024 के अंतिम सप्ताह तक सरकार ने 3.5 लाख टन से अधिक भारत आटा की बिक्री की है. जबकि, 5 माह में 15 लाख टन आटा बिक्री करने का लक्ष्य है. आटा खरीद में तेजी को देखते हुए केंद्र ने गेहूं खरीद के लिए सहकारी एजेंसियों को भी मैदान में उतार दिया है.
रिपोर्ट के अनुसार भारत ब्रांड आटा बिक्री तेज करने के लिए केंद्र सरकार ने भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) को सीधे किसानों से गेहूं खरीदने के लिए कहा है. आमतौर पर किसानों से खाद्यान्न की खरीद भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) करती है. लेकिन, भारत ब्रांड आटा के लिए गेहूं की पर्याप्त जरूरत को पूरा करने के लिए केंद्र ने सहकारी समितियों को खरीद की अनुमति दी है.
चीन के बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा गेहूं उपभोक्ता और उत्पादक है. घरेलू आपूर्ति के लिए केंद्र सरकार ने 2022 में निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. लेकिन, अब 2023-24 सीजन में गेहूं की बंपर पैदावार का अनुमान है. एफसीआई और सहकारी एजेंसियों को गेहूं खरीद की अनुमति मिलने के बाद केंद्र ने निजी व्यापारियों को थोक बाजारों से गेहूं खरीदने से दूर रहने के लिए कहा है.
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