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चावल की महंगी कीमत से राहत मिलेगी, ट्रेडर्स को रिटेल प्राइस घटाने के निर्देश, खरीद टारगेट घटने पर सरकार का फैसला 

चावल की महंगी कीमत से राहत मिलेगी, ट्रेडर्स को रिटेल प्राइस घटाने के निर्देश, खरीद टारगेट घटने पर सरकार का फैसला 

अक्टूबर सीजन में चावल की खरीद 13 फीसदी कम हुई है. पंजाब और हरियाणा को छोड़कर बाकी राज्यों से खरीद टारगेट पूरा नहीं हुआ है. ऐसे में पहले से बढ़ी चावल की कीमतों में और उछाल की आशंका को देखते हुए सरकार ने चावल एसोसिएशन और ट्रेडर्स से खुदरा कीमतें घटाने को कहा है.

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चावल की महंगी कीमत से राहत मिलेगी. चावल की महंगी कीमत से राहत मिलेगी.

सरकार की ओर से अक्टूबर सीजन में जारी चावल की खरीद बीते साल की समान अवधि की तुलना में करीब 13 फीसदी कम हुई है. पंजाब और हरियाणा में चावल खरीद टारगेट पूरा हुआ है, जबकि आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड में सबसे कम खरीद हुई है. ऐसे में पहले से बढ़ी चावल की कीमतों में और उछाल की आशंका को देखते हुए सरकार ने चावल एसोसिएशन और ट्रेडर्स से खुदरा कीमतें घटाने के निर्देश दिए हैं. ताकि, पहले से महंगाई से परेशान आम जनता को चावल के और महंगे होने का सामना न करना पड़े.

15 दिसंबर तक चावल की खरीद 13 फीसदी कम हुई

1 अक्टूबर को सीजन शुरू होने के बाद से ढाई महीने में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के माध्यम से भारत की चावल की खरीद एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 279.38 लाख टन से 12.7 प्रतिशत घटकर 243.85 लाख टन हुई है. हालांकि, सरकार को अगले कुछ महीनों में चावल खरीद बढ़ाने और इस कमी को पूरा करने का भरोसा है. ताजा आंकड़ों के अनुसार पंजाब और हरियाणा में खरीद पूरी हो चुकी है और टारगेट के बराबर खरीद हुई है. एफसीआई पंजाब में 124.08 लाख टन चावल खरीदने में सक्षम रहा है, जो पिछले साल से 2 प्रतिशत अधिक है. हरियाणा में 39.42 लाख टन खरीद हुई है, जो 2022 में 39.5 लाख टन खरीद से थोड़ा कम है. सबसे कम खरीद आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड में हुई है. 

सरकार ने कहा एसोसिएशन खुदरा कीमत घटाएं 

केंद्र ने चावल एसोसिएशनों से तत्काल प्रभाव से चावल की खुदरा कीमत कम करने को कहा है. आधिकारिक नोटिफिकेशन में सरकार ने भारत में चावल उद्योग संघों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि चावल की खुदरा कीमत तत्काल प्रभाव से कम हो. खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव संजीव चोपड़ा ने सोमवार को प्रमुख चावल प्रॉसेसिंग इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में कम कीमतों का लाभ उपभोक्ताओं तक जल्द पहुंचाने पर चर्चा हुई. प्रमुख चावल उद्योग संघों को सलाह दी गई कि वे अपने सदस्यों के साथ इस मुद्दे को उठाएं और सुनिश्चित करें कि चावल की खुदरा कीमत तत्काल प्रभाव से कम हो. 

चावल के एमआरपी और रिटेल प्राइस में भारी अंतर 

बैठक में सुझाव दिया गया है कि जहां एमआरपी और वास्तविक खुदरा मूल्य के बीच बड़ा अंतर है, वहां उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए इसे सही स्तर पर लाने की जरूरत है. यह आदेश थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं द्वारा प्राप्त मार्जिन में तेज वृद्धि की रिपोर्ट के बीच आया है. ऐसी रिपोर्ट आई हैं कि थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं को मिलने वाले मार्जिन में तेज वृद्धि हुई है, जिसे कंट्रोल करने की जरूरत है. 

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ट्रेडर्स को सस्ता चावल उपलब्ध करा रहा एफसीआई

भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने राइस प्रॉसेसिंग इंडस्ट्री को बताया है कि अच्छी क्वालिटी वाले चावल का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है, जिसे ओपेन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत 29 रुपये प्रति किलोग्राम के रिजर्व मूल्य पर उपलब्ध कराया जा रहा है. यह भी सुझाव दिया गया कि व्यापारी ओपेन मार्केट सेल स्कीम के तहत एफसीआई से चावल उठाने पर विचार कर सकते हैं, जिसे उपभोक्ताओं को उचित मार्जिन के साथ बेचा जा सकता है.