प्याज पर निर्यात बैन के बाद किसानों का विरोध, महाराष्ट्र में जाम किया मुंबई हाइवे

प्याज पर निर्यात बैन के बाद किसानों का विरोध, महाराष्ट्र में जाम किया मुंबई हाइवे

पीटीआई से बात करते हुए लासलगांव एपीएमसी के अध्यक्ष बालासाहेब क्षीरसागर ने कहा कि केंद्र का फैसला किसानों के पक्ष में नहीं है. प्याज की कीमतें तेजी से नहीं बढ़ रही थीं और पिछले पांच से छह दिनों में इसमें गिरावट आई थी.

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प्याज पर निर्यात बैन के बाद किसानों का विरोध, महाराष्ट्र में जाम किया मुंबई हाइवेप्याज पर निर्यात बैन के बाद किसानों का विरोध

केंद्र की ओर से प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध की घोषणा के बाद शुक्रवार को महाराष्ट्र के नासिक में तीन स्थानों पर प्याज किसानों ने मुंबई आगरा राजमार्ग को बंद कर दिया और जिले के थोक बाजारों में नीलामी रोक दी. केंद्र ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए प्याज के निर्यात पर 31 मार्च, 2024 तक प्रतिबंध लगा दिया है. एक अधिकारी ने कहा कि किसानों ने शुक्रवार को नासिक जिले के लासलगांव, चंदवाड, नंदगांव, डिंडोरी, येओला, उमराने और अन्य स्थानों के प्याज बाजारों में नीलामी रोक दी है.

अधिकारियों के अनुसार, नीलामी लासलगांव कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) में नहीं आयोजित की गई थी, बल्कि लासलगांव एपीएमसी की विंचूर और निफाड उप-समितियों में आयोजित की गई थी. शुक्रवार को प्याज से लदे करीब 600 वाहन विंचुर पहुंचे. उन्होंने कहा कि न्यूनतम कीमत 1,500 रुपये प्रति क्विंटल, अधिकतम 3,300 रुपये प्रति क्विंटल और औसत 2,700 रुपये प्रति क्विंटल थी.

किसान मुंबई-आगरा राजमार्ग पर जुटे

अधिकारी ने बताया कि सैकड़ों किसान मुंबई-आगरा राजमार्ग पर जुटे और कुछ समय के लिए तीन स्थानों पर ट्रैक्टरों का उपयोग करके सड़क को बंद कर दिया. उन्होंने कहा कि किसानों ने मालेगांव के जयखेड़ा, चंदवाड, उमराने, नंदगांव और मुंगसे में भी रास्ता रोको प्रदर्शन किया. अधिकारी ने बताया कि नासिक पुलिस की अपील के बाद प्रदर्शनकारी शांतिपूर्वक तितर-बितर हो गए और किसानों पर कोई बल प्रयोग नहीं किया गया.

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कीमतों में वृद्धि के लिए बिचौलियों दोषी 

पीटीआई से बात करते हुए लासलगांव एपीएमसी के अध्यक्ष बालासाहेब क्षीरसागर ने कहा कि केंद्र का फैसला किसानों के पक्ष में नहीं है. प्याज की कीमतें तेजी से नहीं बढ़ रही थीं और पिछले पांच से छह दिनों में इसमें गिरावट आई थी. इस फैसले से किसानों को नुकसान होगा और हम इसे वापस लेने की मांग करते हैं. वर्तमान में, कीमतें 1,000 रुपये से 1,200 रुपये प्रति क्विंटल हैं, हालांकि लोग इसे 3,000 रुपये प्रति क्विंटल पर बेच रहे हैं, उन्होंने कीमतों में वृद्धि के लिए बिचौलियों को दोषी ठहराया.

बेमौसम बारिश से किसानों को हुआ नुकसान

उन्होंने कहा कि कोई बिचौलिया नहीं होना चाहिए और सरकार को सीधे प्याज बेचने का फैसला करना चाहिए. येओला में आंदोलन कर रहे किसान किरण दराडे ने कहा कि केंद्र सरकार ने बिना किसी सूचना या शिकायत के निर्यात प्रतिबंध लगा दिया. बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को नुकसान हुआ है. मक्के और प्याज की फसल को नुकसान हुआ है. प्रतिबंध जल्द हटाया जाना चाहिए.  इससे पहले अक्टूबर में, केंद्र ने उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए खुदरा बाजारों में 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बफर प्याज स्टॉक की बिक्री बढ़ाने का फैसला किया था.

कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने इस साल 28 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक प्याज निर्यात पर 800 अमेरिकी डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगाया है. अगस्त में भारत ने प्याज पर 31 दिसंबर तक 40 फीसदी निर्यात शुल्क लगाया था.

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