![प्याज की घरेलू स्तर पर कीमत 15 फीसदी तक गिर गई है. प्याज की घरेलू स्तर पर कीमत 15 फीसदी तक गिर गई है.](https://akm-img-a-in.tosshub.com/lingo/ktak/images/story/202405/66459d09d1a9a-onion-prices-fall-164336816-16x9.jpg?size=948:533)
प्याज की उचित कीमत की मांग को लेकर किसान और ट्रेडर्स के लंबे संघर्ष के बाद केंद्र सरकार ने मई के पहले सप्ताह में प्याज निर्यात पर लगा बैन हटा लिया. इसके बाद उम्मीद थी कि विदेशी खरीदारों से जमकर ऑर्डर मिलेंगे जिससे किसानों और ट्रेडर्स को अच्छी कीमतें मिलेंगी. लेकिन, वैश्विक बाजार में भारतीय प्याज की मांग में भारी गिरावट दर्ज की गई है, इसके पीछे पाकिस्तान से सस्ती प्याज खरीदना वजह है. ऐसे में प्याज की घरेलू स्तर पर कीमत 15 फीसदी तक गिर गई है.
भारत ने 10 दिन पहले प्याज पर निर्यात प्रतिबंध हटा दिया था, लेकिन निर्यात मांग कम हो गई है क्योंकि भारतीय प्याज पाकिस्तानी प्याज की तुलना में अधिक महंगी है. निर्यात बंदी के चलते भारतीय प्याज उपलब्ध नहीं होने पर विदेशी खरीदारों ने पाकिस्तानी प्याज का स्टॉक कर लिया है. जबकि, पाकिस्तानी प्याज विदेशी खरीदारों के लिए सस्ती भी पड़ी है. ऐसे में विदेशी खरीदार अपने स्टॉक के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं. संभावना है कि जून से भारतीय प्याज की खरीदारी शुरू हो जाएगी.
निर्यात बंदी खत्म होने से भारतीय प्याज की एंट्री से वैश्विक बाजार में हुई है और इसके एक सप्ताह के भीतर ही वैश्विक स्तर पर प्याज की कीमतों में 50 फीसदी से अधिक की गिरावट आ गई है. जबकि, निर्यात में कमी के कारण पिछले सप्ताह भारत में घरेलू प्याज की कीमतों में 15 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है.
केंद्र सरकार ने दिसंबर 2023 में प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था. उसके बाद रबी सीजन की प्याज की आवक बाजार में बढ़ी तो किसानों को सबसे कम 1-2 रुपये प्रति किलो कीमत पर प्याज बेचनी पड़ी. महाराष्ट्र समेत कई इलाकों में किसानों ने लागत तक न निकलने के चलते सरकार के प्रति नाराजगी जताते हुए अपने प्याज को सड़क फेंक दिया. तब से किसान निर्यात बंदी हटाने की मांग को लेकर लामबंद थे. लेकिन, अब निर्यात खुलने के बाद भी प्याज की कीमत ऊपर जाती नहीं दिख रही है.
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