इथेनॉल बनाने के लिए डिस्टलरीज को अपनी मक्के की ज्यादा जरूरत और तेज आपूर्ति के लिए सरकारी ऑनलाइन ई-कॉमर्स ओएनडीसी के जरिए किसानों से खरीद सकेंगी. इससे एक तो मक्का किसानों की बिक्री बढ़ेगी और सही दाम मिलेगा तो डिस्टलरीज की जरूरत और उठान प्रक्रिया में तेजी आएगी. बता दें कि डिस्टलरीज एमएसपी रेट पर मक्का की खरीद करेंगी और किसानों को परेशानी मुक्त प्रक्रिया देने के लिए केंद्र सरकार ने सहकारी समितियों को निर्देशित किया है.
केंद्र सरकार ने मक्का किसानों को डिस्टलरीज से सही दाम दिलाने के लिए मानक प्रक्रिया जारी की है. इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ESY) 2022-23 में मिश्रण 12 प्रतिशत तक पहुंच गया और 2023-24 में इसके 15 प्रतिशत तक पहुंचने का टारगेट है. ऐसे में डिस्टलरीज को इथेनॉल मिश्रण टारगेट पूरा करने के लिए मक्के की जरूरत है. डिस्टलरीज की यह जरूरत पूरी करने के लिए केंद्र ने सहकारी समतियों नेफेड (NAFED) और एनसीसीएफ (NCCF) को किसान और डिस्टलरीज के बीच पुल की तरह काम करने को कहा है. सहकारी एजेंसियों के माध्यम से डिस्टलरीज किसानों का मक्का खरीदेंगी और भुगतान करेंगी.
डिस्टलरीज को सरकारी ऑनलाइन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ओपेन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स यानी ONDC के जरिए खरीद सकेंगे. अगर बिक्री ओएनडीसी प्लेटफॉर्म के माध्यम से होती है तो नियमों के तहत खरीदार डिस्टलरीज ओएनडीसी का खरीदार मार्जिन खुद देंगी, यह कॉस्ट किसान पर नहीं थोपी जाएगी. इसके अलावा गोदाम तक मक्का की ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट का भुगतान भी डिस्टलरी ही करेगी. केंद्र के निर्देशों के मुताबिक नेफेड और एनसीसीएफ इथेनॉल सप्लाई इयर के लिए पहले से तय निर्धारित कीमत, मात्रा, सप्लाई के स्थान, अन्य कमर्शियल नियमों और शर्तों के साथ मक्का की आपूर्ति के लिए डिस्टिलरीज के साथ सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट में जुड़ेंगी.
डिस्टिलरी इथेनॉल सप्लाई ईयर 2023-24 में किसानों को भुगतान की जाने वाली मक्का की कीमत 2,291 रुपये प्रति क्विंटल होगी. इसमें सभी खरीद लागत और एजेंसी मार्जिन भी शामिल हैं. मक्के पर वर्तमान एमएसपी दर 2,090 रुपये प्रति क्विंटल है. लेकिन, इसे संशोधित कर बढ़ाया गया है. इससे किसानों को अधिक दाम मिल सकेगा, जो उनकी आय को बढ़ाने में मदद करेगा.
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