महाराष्ट्र के अमरावती जिले में कृषि उपज का उचित दाम न मिलने के कारण किसान परेशान हैं. इस मुद्दे को लेकर उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए परतवाडा महामार्ग पर रास्ते को बाधित कर प्रदर्शन किया. इसके बाद प्रदर्शनकारी किसानों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया, ताकि रास्ता खुलवाया जा सके. इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच तीखी कहासुनी हुई. किसानों का कहना है कि इस समय, प्याज, सोयाबीन, कपास, अरहर का दाम इतना कम मिल रहा कि जिसमे हम अपनी लागत तक नहीं निकाल पा रहे हैं. सरकार फसलों का सही दाम नहीं दिला पा रही है, जबकि किसान इसकी मांग कर रहे हैं कि उन्हें सही दाम दिलाया जाए. नाराज़ किसानों का कहना है कि अभी तक पिछले साल की फसल बीमा रकम भी सरकार ने नहीं दिया है.
राज्य में इस समय प्याज, कपास और सोयाबीन का दाम बेहद कम मिला रहा है. कई किसान अब तो प्याज की गिरती कीमतों के कारण इसकी जगह दूसरी फसल उगाने पर मजबूर हैं. किसानों का कहना है कि प्याज की खेती से अब घर नहीं चल सकता है. पिछले कई साल से इसकी खेती से नुकसान झेल रहे हैं. वहीं इस साल कपास और सोयाबीन की खेती करने वाले किसान भी संकट में नज़र आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि पहले बेमौसम बारिश की मार और अब मंडियों में उपज का उचित दाम नहीं मिलने से वो परेशानी में हैं.
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कृषि उपज का सही दाम दिलाने और पिछले साल के फसल बीमा रकम के शीघ्र भुगतान की मांग को लेकर किसानों ने सरकार के खिलाफ अमरावती में प्रदर्शन किया. किसानों का कहना है कि मांग को लेकर बार-बार आंदोलन और ज्ञापन देने के बाद भी शासन प्रशासन हम किसानों की मांगों पर ध्यान नहीं दे रहा है. जिसके चलते जन विकास संगठन के पदाधिकारियों और किसानों ने आसेगांव पूर्णा में सड़क रोको विरोध प्रदर्शन कर परतवाडा राजमार्ग रोका. प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारे लगाए और कपास, प्याज और सोयाबीन के दाम बढ़ाने की मांग की.
उधर, महाराष्ट्र सरकार में शामिल विधायक बच्चु कडू की प्रहार पार्टी ने राजस्व विभाग के विरुद्ध अमरावती जिले के तिवसा राजस्व प्रशासन के खिलाफ कलेक्टर कार्यालय क्षेत्र में आंदोलन किया. कार्यकताओं का आरोप है कि कपास, अरहर, चना, संतरे की फसलों के नुकसान के कारण किसानों की आत्महत्याएं बढ़ रही हैं. नवंबर महीने में जिले में हुए बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि के कारण किसानों की फसलों का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. बारिश से तिवसा तालुका पूरी तरह प्रभावित हुआ था, लेकिन राजस्व विभाग ने सर्वेक्षण का आदेश नहीं दिया. इसलिए तिवसा तालुका को बेमौसम बारिश से हुए नुकसान की पात्रता सूची में शामिल नहीं किया जा सका. जिससे किसानों को मुआवजा नहीं मिला.
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