कमाई का अच्छा जरिया है गुड़हल की खेती, सूरज की रोशनी में तेजी से बढ़ता है इसका पौधा

कमाई का अच्छा जरिया है गुड़हल की खेती, सूरज की रोशनी में तेजी से बढ़ता है इसका पौधा

गुड़हल की खेती के लिए हल्की रेतीली और दोमट मिट्टी अच्छी मानी गई है. साथ ही मिट्टी का पीएच मान 6.5 होना चाहिए. अगर आप गुड़हल की खेती करना चाहते हैं, तो सबसे पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई कर लें. इसके बाद पाटा चलाकर मिट्टी को समतल कर दें, ताकि खेत में जलभराव न हो.

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कमाई का अच्छा जरिया है गुड़हल की खेती, सूरज की रोशनी में तेजी से बढ़ता है इसका पौधाफूल की खेती में है बंपर कमाई. (सांकेतिक फोटो)

देश में किसानों के बीच बागवानी तेजी से लोकप्रिय हो रही. अब किसान धान-गेहूं जैसी पारंपरिक फसलों के बजाए फूलों की खेती पर ज्यादा पसीना बहा रहे हैं, क्योंकि इसमें उन्हें ज्यादा कमाई हो रही है. बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और पंजाब सहित कई राज्यों में किसान बड़े स्तर पर गुलाब और गेंदे की खेती कर रहे हैं. खास बात यह है कि केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी किसानों को फूल की खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं. इसके लिए किसानों को समय-समय पर सब्सिडी भी दी जा रही है. सरकारों की इन कोशिशों से देश में फूल का रकबा बढ़ा भी है. लेकिन आज हम एक ऐसे फूल के बारे में बात करेंगे, जिसकी खेती करने पर किसानों को गेंदे के मुकाबले ज्यादा मुनाफा होगा. खास बात यह है कि इस फूल का उपयोग पूजा के साथ-साथ दवाइयां बनाने में भी किया जाता है.

दरअसल, हम जिस फूल के बारे में बात करने जा रहे हैं, उसका नाम गुड़हल है. यह फूल अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि गुड़हल के फूल से पूजा करने पर देवी माता ज्यादा प्रसन्न होती हैं. यही वजह है कि बिहार के हरेक गांव में देवी मंदिर के बाहर गुड़हल का एक पेड़ मिल ही जाता है. लेकिन किसान चाहें, तो इसका व्यवसायिक रूप से खेती भी कर सकते हैं. ऐसे पूरी दुनिया में इस फूल की 200 से ज्यादा प्रजातियां हैं. हालांकि, भारत में लाल वाला गुड़हल की सबसे ज्यादा डिमांड है. पूजा में भी इसका ही इस्तेमाल किया जाता है. आयुर्वेद एक्सपर्ट की माने तो गुड़हल के फूल से कई गंभीर बीमारियों की दवाइयां बनाई जाती हैं. ऐसे में किसान अगर इसकी खेती करते हैं, तो अच्छी कमाई होगी.

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6.5 होना चाहिए मिट्टी का पीएच मान

गुड़हल की खेती के लिए हल्की रेतीली और दोमट मिट्टी अच्छी मानी गई है. साथ ही मिट्टी का पीएच मान 6.5 होना चाहिए. अगर आप गुड़हल की खेती करना चाहते हैं, तो सबसे पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई कर लें. इसके बाद पाटा चलाकर मिट्टी को समतल कर दें, ताकि खेत में जलभराव न हो. इससे फसलों को नुकसान भी पहुंच सकता है. साथ ही इस बात का भी ख्याल रखना होगा, जहां पर गुड़हल के पौधे लगा रहे हैं, वहां पर धूप की पहुंच अच्छी हो. क्योंकि धूप में गुड़हल के पौधे तेजी से बढ़ते हैं.

अगर तापमान की बात करें, तो इसके लिए 24 डिग्री सेल्सियस आइडियल टेंपरेचर है. वहीं, ज्यादा ठंड पड़ने पर गुड़हल के पौधे सूख भी जाते हैं. गुड़हल के फूलों में कई सारे मिनरल्स पाए जाते हैं. खास कर फाइबर, आयरम और एंटीऑक्सीडेंट की इसमें प्रचूरता होती है. ऐसे में अगर आप गुड़हल के फूल के चाय या काढ़ा पीते हैं, तो शरीर में मौजूद कैंसर सेल्स को पैदा होने से रोकते हैं. 

इस महीने करें पौधों की बुवाई

ऐसे गुड़हल की रोपाई करने के लिए जुलाई सबसे अच्छा महीना होता है. इसके खेत में हमेशा जैविक खाद का ही प्रयोग करना चाहिए. इससे गुड़हल का पेड़ तेजी से बढ़ते हैं. इसके साथ ही इसमें फूल भी अच्छे से लगते हैं. इसलिए गुड़हल के खेत में गोबर खाद का छिड़काव समय-समय पर करते रहना चाहिए. इससे गुड़हल का पौधा जल्द ही विशाल पेड़ बन जाएगा. फिर आप गुड़हल का फूल बेचकर अच्छी कमाई कर सकते हैं.

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