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UP: बाराबंकी में मेन्थॉल मिंट की खेती को मिलेगा बढ़ावा, किसानों की बढ़ेगी आय, पढ़िए क्या है प्लान

UP: बाराबंकी में मेन्थॉल मिंट की खेती को मिलेगा बढ़ावा, किसानों की बढ़ेगी आय, पढ़िए क्या है प्लान

इस अवसर पर, सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ कैलाइसेल्वी ने सीएसआईआर-सीमैप के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि यह परियोजना मेन्थॉल मिंट की खेती करने वाले किसानों की सामाजिक-अर्थव्यवस्था के उत्थान में सहायक होगी.

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कम लागत में ज्यादा उत्पादन और मुनाफा देती हैं मेन्थॉल मिंट की खेती (Photo-Kisan Tak) कम लागत में ज्यादा उत्पादन और मुनाफा देती हैं मेन्थॉल मिंट की खेती (Photo-Kisan Tak)

UP News: किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. अब किसान अलग-अलग तरह की फसलें उगा रहे हैं. ऐसी ही एक फसल है मेंथा. जिसकी खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है. मेंथा पुदीना की तरह ही एक पौधा होता है. अलग-अलग कामों के लिए जिसका इस्तेमाल किया जाता है. इसी कड़ी में राजधानी लखनऊ के सीएसआईआर- केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान(CSIR-CIMAP) और हेलोन यूके ट्रेडिंग लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया. इस समझौते के अंतर्गत सीमैप द्वारा उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में मेन्थॉल मिंट की खेती एवं प्रसंस्करण से आजीविका में सुधार, पर्यावरणीय प्रबंधन और सस्टैनबल मेंथोल आपूर्ति के लिए प्रयास किए जाएंगे.

5000 से अधिक किसान होंगे लाभान्वित

इस अवसर पर, सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ कैलाइसेल्वी ने सीएसआईआर-सीमैप के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि यह परियोजना मेन्थॉल मिंट की खेती करने वाले किसानों की सामाजिक-अर्थव्यवस्था के उत्थान में सहायक होगी.

सीएसआईआर-सीमैप और हेलोन यूके ट्रेडिंग लिमिटेड के साथ हुआ समझौता
सीएसआईआर-सीमैप और हेलोन यूके ट्रेडिंग लिमिटेड के साथ हुआ समझौता

सीएसआईआर-सीमैप के निदेशक, डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने परियोजना के उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी, जिसमे चार साल की परियोजना अवधि में  मेन्थॉल मिंट की उच्च गुणवत्ता एवं उपज वाली किस्म (सिम -उन्नति) से बाराबंकी के 5000 से अधिक किसान लाभान्वित होंगे.

जानें यह खास तरीका क्या है?

डॉ. त्रिवेदी ने आगे कहा कि लागत को कम करने और उपज में सुधार के लिए उन्नत कृषि-प्रौद्योगिकियां, ड्रोन आधारित फसल की निगरानी और किसानों के खेत में छिड़काव, कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए सौर आसवन इकाई और डिस्टिलेशन के उपरांत बचे हुए बायोमास से वर्मीकम्पोस्टिंग जैसी वेस्ट से वेलथ की पहल भी की गई. वहीं हेलॉन इंडिया की प्रतिनिधि, सुश्री वेदिका ने बताया कि मेन्थॉल मिंट, हेलॉन द्वारा विकसित किए जा रहे विभिन्न उत्पादों का एक प्रमुख घटक है और भारत हेलॉन के लिए मेन्थॉल मिंट का प्रमुख आपूर्तिकर्ता है और उन्होंने इस परियोजना को लागू करने के लिए सहमत होने के लिए सीएसआईआर को भी धन्यवाद दिया, जिससे विकास में मदद मिलेगी. 

भारत दुनिया का सबसे बड़ा मेंथोल मिंट उत्पादक

बता दें कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा मेंथोल मिंट उत्पादक व निर्यातक देश है. हमारे देश के विभिन्न राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब व हरियाणा में बड़े स्तर पर खेती की जाती हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश की हिस्सा 90-95 फीसदी उत्पादन अकेले यूपी का है. लखनऊ स्थित सीएसआईआर-केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौध संस्थान ने मेंथोल मिंट की कई उन्नत किस्में व कृषि तकनिकी विकसित की हैं, सीमैप के मुताबिक ये किस्में कम लागत में ज्यादा उत्पादन और मुनाफा देती हैं