फसलों में पोषक तत्व बढ़ाने और बनाए रखने के प्रयास तेज किए जा रहे हैं, ताकि कमजोर वर्ग को भरपूर पोषक तत्वों वाला भोजन मिल सके और किसानों की फसल बिक्री को बढ़ावा भी मिले. इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट यूपी के गोरखपुर में चल रहा है. फसलों में न्यूट्रीशन वैल्यू बढ़ने से बिक्री तेजे होगी जो किसानों की आमदनी बढ़ाएगी. कृषि क्षेत्र की दो निजी कंपनियों ने भारत में छोटे किसानों के साथ न्यूट्रीशन फार्म स्टैब्लिश करने के लिए करार किया है.
हाई न्यूट्रीशन वैल्यू वाले फूड प्रोडक्ट की डिमांड में तेजी आ रही है. मांग को पूरा करने और किसानों की मदद के लिए फसल न्यूट्रीशन कंपनी यारा इंटरनेशनल की सहायक कंपनी यारा इंडिया ने हार्वेस्टप्लस सॉल्यूशंस के साथ समझौता किया है. दोनों कंपनियां ग्लोबल एग्रीकल्चर सिस्टम में पोषक तत्वों से भरपूर बीजों और खाद्य पदार्थों को शामिल करने पर काम कर रही हैं. इससे कमजोर समुदायों को उनके लिए जरूरी पोषक तत्वों विटामिन और खनिजों के सेवन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी.
फसलों में भरपूर पोषक तत्व बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पहले से ही पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है. इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य 500 किसानों को जिंक गेहूं वैल्यू चेन अपनाने के लिए प्रेरित करना है. बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के अनुसार यारा इंडिया ने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट का शुरुआती उद्देश्य बड़ी संख्या में किसानों और कमजोर कम्यूनिटी को लाभ पहुंचाना और मूल्यांकन करना है.
भारत में छोटे किसानों के साथ पोषक फार्मों की स्थापना प्रोजेक्ट को करार के बाद बढ़ावा मिलेगा. क्योंकि, हार्वेस्टप्लस बायोफोर्टिफाइड फसलों को अपनाने के लिए किसानों और अनुसंधान निकायों के बीच काम कर रहा है. यारा इंडिया ने कहा कि रणनीतिक साझेदारी कमजोर समुदायों पर विशेष जोर देने के साथ सभी व्यक्तियों को पौष्टिक भोजन पहुंचाने पर ध्यान केंद्रित करके फूड सिस्टम को बदलने का प्रयास करती है. यह प्रोजेक्ट न्यूट्रीशन मैनेजमेंट सहित गुड एग्रीकल्चर प्रैक्टिस में किसानों की क्षमता को मजबूत करने के साथ बायोफोर्टिफाइड बीजों के उपयोग को जोड़ती है. इसका उद्देश्य एग्रीकल्चर प्रोडक्टिविटी को बढ़ाना और किसानों की फूड और न्यूट्रीशन सेफ्टी के प्रति रुख को नरम करना है.
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स्टैब्लिश सप्लाई चेन तय करने में यह प्रोजेक्ट किसानों को संबंधित बाजारों से जोड़ने में मदद करेगा. इससे उन्हें बायोफोर्टिफाइड वैल्यू चेन में कंपनियों तक पहुंचने में मदद मिलेगी. इससे न केवल भोजन की क्वालिटी में सुधार होगा बल्कि किसानों की आय और आजीविका पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. यारा इंडिया ने कहा कि हमारी साझेदारी एग्रीकल्चर प्रोडक्टिविटी बढ़ाने, फूड क्वालिटी में सुधार, किसानों की आजीविका बढ़ाने और स्वस्थ और अधिक लचीले भविष्य के लिए फूड सिस्टम में क्रांति लाने पर केंद्रित है.
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