ब्लैक थ्रिप्स किट से निपटने और एकीकृत कीट प्रबंधन (integrated pest management) आधारित पद्धतियों को लोकप्रिय बनाने के लिए, दक्षिण एशिया जैव प्रौद्योगिकी केंद्र (South Asia Biotechnology Centre) आंध्र और तेलंगाना में एक ग्रास रूटस प्रोजेक्ट- ऑपरेशन नल्ला तमारा पुरुगु (Operation Nalla Tamara Purugu) को लागू करने जा रहा है. इस परियोजना को पीआई फाउंडेशन के साथ-साथ वैल्यू चेन पार्टनर आईटीसी लिमिटेड और स्थानीय संगठन का समर्थन प्राप्त है.
मिर्च उगाने वाले क्षेत्रों में लागू की जाएगी परियोजना
दक्षिण एशिया जैव प्रौद्योगिकी केंद्र (SABC) के संस्थापक निदेशक भागीरथ चौधरी ने कहा कि, ऑपरेशन नल्ला तमारा पुरुगु परियोजना आंध्र प्रदेश के गुंटूर, प्रकाशम, पूर्वी और पश्चिमी गोदावरी जिलों और तेलंगाना के वारंगल, भद्राचलम, महबूबाबाद और खम्मम के चुनिंदा सघन मिर्च उगाने वाले क्षेत्रों (chilli growing areas in India) में लागू की जा रही है. यह परियोजना आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के मिर्च उगाने वाले क्षेत्रों में अगले 2-3 वर्षों में ब्लैक थ्रिप्स का प्रबंधन करने के लिए आईपीएम क्षेत्र प्रदर्शन, और गहन क्षेत्र-उन्मुख प्रशिक्षण (intensive field-oriented training) कार्यक्रम करेगी.
उन्होंने कहा, " इस प्रोजेक्ट के तहत आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के 8,000 मिर्च किसानों को कवर करेंगे और इस रबी सीजन की शुरुआत में अपने जमीनी स्तर पर प्रयास तेज कर रहे हैं."
ब्लैक थ्रिप्स कीट है उपज में कमी का कारण
चौधरी ने बताया कि यह कीट कोमल फूलों को खाता है, जिसके कारण बड़े पैमाने पर फूलों का झड़ना, फलों का छोटा होना और विकृत होना और मिर्च में फल गिरना, उपज हानि का कारण बनता है. प्रभावी जैविक और रासायनिक नियंत्रण के अभाव में, इस कीट ने नुकसान पहुंचाकर आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में मिर्च उगाने वाले किसानों की आय को काफी कम कर दिया है.
काफी नुकसान पहुंचाता है ब्लैक थ्रिप्स कीट
एसएबीसी के अध्यक्ष सीडी माई ने कहा कि, मिर्च, पपीता, बैंगन और काली मिर्च की फसल में लगने वाला ब्लैक थ्रिप्स (Black Thrips) कीट काफी नुकसान पहुंचाता है. यह इतना अक्रामक होता है कि यह कुछ ही दिनों में खड़ी फसल को बर्बाद कर देता है. यह कर्नाटक में 2015 में पहली बार पपीते पर पाया गया था. रबी सीजन 2021-22 में पहली बार आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक के मिर्च उगाने वाले क्षेत्रों में इस कीट के प्रकोप की सूचना मिली थी. वहीं 2015 के बाद से, यह कीट कृषि, बागवानी और सजावटी फसलों पर भी पाया गया है और यह व्यापक रूप से आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा और तमिलनाडु में फैल गया है.
मिर्च 7,28,627 हेक्टेयर में उगाई गई जीरा के बाद दूसरी सबसे बड़ी मसाला वाली फसल है. भारत में हर साल लगभग 2 मिलियन टन का उत्पादन होता है. वहीं मिर्च सबसे अधिक निर्यात की जाने वाली मसाला फसल है और देश से निर्यात किए जाने वाले मसालों की कुल मात्रा में इसका लगभग 38 प्रतिशत योगदान है. मसालों से कुल निर्यात आय में मिर्च का निर्यात 31 प्रतिशत है. वहीं आंध्र प्रदेश मिर्च का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है जो भारत में कुल मिर्च उत्पादन में 38 प्रतिशत का योगदान देता है. जिसमें आंध्र प्रदेश का गुंटूर जिला भारत में कुल मिर्च उत्पादन का 15 प्रतिशत योगदान देता है.
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