Paddy Insect: सितंबर में इन दो खतरनाक कीटों से सावधान रहें किसान, नहीं तो धान की उपज को होगा भारी नुकसान!

Paddy Insect: सितंबर में इन दो खतरनाक कीटों से सावधान रहें किसान, नहीं तो धान की उपज को होगा भारी नुकसान!

सितंबर के महीने में धान की फसल में बालियां बनने की शुरूआत होती है. इस दौरान कुछ खतरनाक कीटों का प्रकोप फसल को भारी नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर सकता है. इसलिए, किसानों को अपने खेतों की नियमित और सतर्कता से निगरानी करनी चाहिए और कीट या रोग के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत उचित रोकथाम के उपाय अपनाने चाहिए.

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Paddy Insect: सितंबर में इन दो खतरनाक कीटों से सावधान रहें, नहीं तो धान की उपज को होगा भारी नुकसान! सितंबर में धान की फसल को खतरनाक कीटों से बचाएं

खरीफ की मुख्य फसल धान, आर्थिक और सामाजिक दृष्टिकोण से एक बेहद अहम फसल है, जिसे देश के किसानों की लाइफ लाईन भी कहा जाता है. इस साल खरीफ सीजन में 408 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में धान की खेती की गई है, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 15 लाख हेक्टेयर ज्यादा है. धान उत्पादन अच्छा रहने की उम्मीद जताई जा रही है. हालांकि, इस समय फसल को कीट और रोगों से बचाने की ज्यादा जरूरत होती है.

दरअसल सितंबर के महीने में धान की फसल अब बालियां बनने की अवस्था शुरूआत होगी और इस  महीने में कुछ घातक कीट और रोगों से नुकसान की संभावना रहती है. ये कीट और रोग किसानों की मेहनत पर पानी फेर सकते हैं, इसलिए किसानों को अपने खेतों की नियमित निगरानी करनी चाहिए. कीट या रोग के लक्षण दिखने पर तुरंत रोकथाम के उपाय अपनाने चाहिए. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि जिन किसानों ने कम अवधि वाली धान की किस्में लगाई हैं, उनमें इस समय बालियां निकल रही होंगी और इस अवस्था पर तना छेदक (स्टेम बोरर) और गंधी बग जैसे कीटों से सतर्क रहने की जरूरत है. इसके लिए खेतों की कड़ी निगरानी करें.

धान फसल को चौपट कर सकता है स्टेम बोरर 

इस समय उन क्षेत्रों में जहां कम बारिश हुई है, सूखी और ऊंची जमीन पर बोई गई फसल में स्टेम बोरर (तना छेदक) का हमला हो सकता है. स्टेम बोरर की केवल सूंडियां ही फसल को हानि पहुंचाती हैं, जो धान की रोपाई के एक महीने बाद किसी भी अवस्था में नुकसान पहुंचा सकती हैं. इसकी सूंडी मुख्य तने के अंदर घुसकर तने को खाती है, जिससे धान की बालियां सूख जाती हैं. ऊपर से खींचने पर तना सहित बालियां आसानी से निकल जाती हैं, जिसे 'सफेद बाली' कीट कहा जाता है. स्टेम बोरर वर्षा-आधारित क्षेत्रों में धान की फसल को काफी हानि पहुंचाता है. जहां उंचे स्थान पर खेत में नमी की कमी होती इस कीट प्रकोप ज्यादा होता है. अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (IRRI) के अनुसार इसके अधिक प्रकोप से फसल को 100  फीसदी तक की क्षति हो सकती है.

स्टेम बोरर से बचाव 

  • इस कीट से बचाव के लिए एक एकड़ खेत के लिए 5 से 6 फेरोमोन ट्रैप लगाए जा सकते हैं.
  • इसके आलावा अंडा परजीवी ट्राइकोग्रामा जैपोनिकम 5 सीसी का हर हफ्ते तीन बार प्रयोग करें.
  • अगर कीट अधिक प्रकोप बढ़ जाय तो केमिकल दवा कारटैप हाइड्रोक्लोराइड 4G या फिप्रोनिल 0.3G 4 किलोग्राम प्रति एकड़ का इस्तेमाल करें या क्लोरोपायरीफॉस 20 EC या कारटैप हाइड्रोक्लोराइड 50 SP 1 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.

दानों को खोखला कर देता है गंधी बग 

इस समय जब धान में बालियां दूधिया अवस्था में हैं तब गंधी बग कीट पौधों के विभिन्न भागों से रस चूसकर हानि पहुंचाते हैं. यह कीट लंबा, पतला, हरे-भूरे रंग का उड़ने वाला होता है. इसे इसकी तीखी गंध से भी पहचाना जा सकता है. इसके वयस्क और शिशु दूधिया दानों को चूसकर हानि पहुंचाते हैं, जिससे दानों पर भूरे रंग के धब्बे बन जाते हैं और दाने खोखले रह जाते हैं.

गंधी बग से बचाव

  • इस कीट से फसल को बचाने के लिए खेत की हमेशा निगरानी करें और मेड़ों पर उगे घास की सफाई करें, क्योंकि ये कीट खरपतवारों पर पनपते हैं.
  • जब कीटों की संख्या 5 कीट प्रति गुच्छा हो जाए, तो केमिकल दवा मिथाइल पाराथियॉन 5 फीसदी का छिड़काव करें या क्लोरोपाइरिफॉस 5% 10 किलोग्राम प्रति एकड़ का उपयोग करें. 
  • इसके आलावा बाली में दूध बनने की आरंभिक अवस्था में क्लोरोपाइरिफॉस 20 EC 1 लीटर प्रति एकड़ या ऑक्सीडीमेटॉन मिथाइल 20 EC 1 लीटर प्रति एकड़ का छिड़काव किया जा सकता है.
  • फसल बचाने के लिए इन सुझावों पर ध्यान दें किसान 

  1. सितंबर में फसल की हर अवस्थाओं पर खेतों का नियमित निरीक्षण करें. कीट और रोग की शुरुआती अवस्था में सुरक्षात्मक छिड़काव करें ताकि फसल को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके.
  2. यूरिया का उपयोग आवश्यक मात्रा में ही करें अधिक उपयोग से बचें.
  3. कीटनाशकों का उपयोग केवल आर्थिक स्तर पर कीटों के नियंत्रण के लिए करें. 
  4. दवाओं का छिड़काव सुबह या शाम को ही करें, और अगर वर्षा की संभावना हो तो रुक जाएं.
  5. निर्यात के लिए धान उगाने की स्थिति में बालियां बनने की अवस्था पर कीटनाशकों का छिड़काव ना करें क्योंकि इस अवस्था में दाने कीटनाशकों अवशेष रह सकते हैं
  6. इन सुझावों का पालन करने से फसल को कीट और रोगों से होने वाले भारी नुकसान से बचाया जा सकता है.

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