कृषि मंत्रालय की तरफ से कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की तरफ से साल 2023-24 के लिए मुख्य फसलों के उत्पादन के अंतिम अनुमान जारी कर दिए हैं. यह अनुमान मुख्य तौर पर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से मिली जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है. मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि फसलों के क्षेत्रफल को रिमोट सेंसिंग, साप्ताहिक फसल मौसम निगरानी समूह और बाकी एजेंसियों से मिली जानकारी के साथ मान्य किया गया है.
मंत्रालय की मानें तो फसल पैदावार के अनुमान राष्ट्रीय स्तर पर किए गए फसल कटाई प्रयोगों (CCEs) के आधार पर हैं. वहीं CCEs को रिकॉर्ड करने की प्रक्रिया को डिजिटल सामान्य फसल अनुमान सर्वेक्षण (DGCES)लागू करके री-इंजीनियर्ड किया गया है. इसे कृषि वर्ष 2023-24 के दौरान प्रमुख राज्यों में लागू किया गया था. विभाग का दावा है कि नए सिस्टम ने उपज अनुमानों की पारदर्शिता और मजबूती सुनिश्चित की है.
जो जानकारी विभाग की तरफ से दी गई है उसके अनुसार साल 2023-24 के दौरान देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 3322.98 लाख टन अनुमानित है. यह साल 2022-23 के दौरान हासिल 3296.87 लाख टन खाद्यान्न उत्पादन की तुलना में 26.11 लाख टन ज्यादा है. चावल, गेहूं और श्रीअन्न के अच्छे उत्पादन के कारण खाद्यान्न उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई. कृषि मंत्रालय का अनुमान है कि साल 2023-24 के दौरान चावल का उत्पादन रिकॉर्ड 1378.25 लाख टन अनुमानित है. यह पिछले साल के 1357.55 लाख टन चावल उत्पादन से 20.70 लाख टन ज्यादा है.
वहीं, गेहूं उत्पादन का अनुमान 2023-24 के दौरान रिकॉर्ड 1132.92 लाख टन लगाया गया है जोकि पिछले साल की तुलना से 27.38 लाख टन ज्यादा है. पिछले साल यह आंकड़ा 1105.54 लाख टन था. वहीं श्री अन्न का उत्पादन पिछले साल के 173.21 लाख टन उत्पादन की तुलना में 175.72 लाख टन अनुमानित है.
मंत्रालय की तरफ से कई और फसलों के उत्पादन की भी जानकारी विस्तार से दी गई है जिसमें गन्ना और मक्का भी शामिल है. विभाग का कहना है कि 2023-24 के दौरान देश में कुल मक्का उत्पादन 376.65 लाख मीट्रिक टन और गन्ना उत्पादन 4531.58 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान है. जबकि दलहन यानी दाल वाली फसलों का कुल उत्पादन 242.46 लाख टन होने का अनुमान लगाया गया है. इसमें तूर यानी अरहर की दाल का उत्पादन 34.17 लाख टन और चना- 110.39 लाख टन के आंकड़े को छू सकते हैं.
तिलहन वाली फसलों की अगर बात करें तो कुल उत्पादन करीब 396.69 लाख टन होने का अनुमान है. इसमें मूंगफली का 101.80 लाख टन, सोयाबीन का 130.62 लाख टन, रेपसीड और सरसों का उत्पादन 132.59 लाख टन होने की संभावना है. वहीं कपास के उत्पादन पर भी विभाग ने आंकड़ें दिए हैं. कृषि विभाग की मानें तो इस साल कपास का का उत्पादन 325.22 लाख गांठें (प्रति 170 कि. ग्रा.) रह सकता है. जबकि पटसन और मेस्ता के लिए 96.92 लाख गांठें (प्रति 180 कि. ग्रा.) आंकड़ें का अनुमान लगाया गया है.
कृषि मंत्रालय का कहना है कि साल 2023-24 के दौरान महाराष्ट्र समेत दक्षिण के कई राज्यों में सूखे जैसे हालात रहे हैं. अगस्त के दौरान खासकर राजस्थान में लंबे समय तक सूखा रहा. सूखे से नमी की कमी ने रबी सीजन पर असर डाला है. इसका मुख्य तौर पर दालों, मोटे अनाज, सोयाबीन और कपास के उत्पादन पर असर पड़ा है.
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