खेती ही नहीं पशुपालन के क्षेत्र में किसान आगे बढ़ते जा रहे हैं. वहीं दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किसान गाय और भैंस की बेहतर नस्लों पर काम करते हैं. वहीं कहीं पशुपालक नीली रावी भैंस को पालना ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि इसका दाम कम होता है. हालांकि मुनाफे के मामले में ये भैंस बेहतर साबित होती है. नीली रावी भैंस मुर्रा नस्ल के बाद सबसे अधिक पाली जाती है. नीली रावी को पंचरत्न भी कहा जाता है. इसकी आंखें नीली होती है. वहीं यह रोजाना 10 से 15 लीटर तक दूध देती है.
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