आमजन की चिकित्सा की तरह ही पशु चिकित्सा क्षेत्र में पढ़ाई और रोजगार के नजरिए से अपार संभावनाएं हैं. अगर आप पशु चिकित्सक बनना चाहते हैं और पशुओं की सेवा करना आपको अच्छा लगता है तो यह क्षेत्र आपके लिए बेहतरीन करियर देने वाला साबित हो सकता है. 12वीं पास युवाओं के पास वेटनरी साइंस और एनिमल हसबेंडरी की पढ़ाई कर पशु चिकित्सक बनने और पशु चिकित्सा क्षेत्र में शोध करने समेत आगे की पढ़ाई करने का रास्ता खुलता है. इस पढ़ाई के बाद अच्छे पैकेज पर नौकरी मिलती है, जबकि खुद का क्लीनिक भी खोलने का मौका बनता है.
राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (RAJUVAS) बीकानेर ने वेटनरी साइंस और एनिमल हसबेंडरी की पढ़ाई के इच्छुक युवाओं से आवेदन मांगे हैं. RAJUVAS विश्वविद्यालय के कन्वीनर प्रोफेसर आरके धूरिया के अनुसार वेटनरी साइंस और एनिमल हसबेंडरी करियर के लिहाज से बेहतरीन क्षेत्र है, खासकर उन युवाओं के लिए जिन्हें पशुओं से लगाव ज्यादा है. क्योंकि, यह कोर्स करने के बाद युवाओं को पशु चिकित्सालयों में नौकरी मिलती है. यदि उन्हें पशुओं से प्रेम और लगाव होगा तो उन्हें अपने करियर में ज्यादा आनंद आएगा.
प्रोफेसर आरके धूरिया के अनुसार विश्वविद्यालय ने बैचलर ऑफ वेटरनरी साइंस एंड एनिमल हसबेंडरी कोर्स की पढ़ाई के लिए एडमिशन प्रक्रिया चल रही है. उन्होंने कहा कि वेटरनरी ग्रेजुएशन में पाठ्यक्रम प्रवेश के लिए ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 21 अगस्त 2024 से शुरू हो चुकी है. इच्छुक युवा 30 सितंबर तक आवेदन कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह प्रवेश प्रक्रिया स्टेट कोटा और एनआरआई सीटों के लिए चल रही है.
राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के अनुसार संबद्ध निजी वेटरनरी कॉलेजों में में साढ़े पांच वर्षीय बीवीएससी एंड एएच डिग्री पाठ्यक्रम सत्र 2024-25 के लिए प्रवेश दिया जा रहा है. चेयरमैन केन्द्रीय स्नातक प्रवेश मंडल प्रो. एपी सिंह ने बताया कि ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के बाद नीट (यूजी) 2024 की मेरिट और इन प्रवेश पर लागू राज्य सरकार की आरक्षण नीति के अनुसार सीटों की उपलब्धता के आधार पर संबद्ध वेटरनरी महाविद्यालयों में प्रवेश दिए जाएंगे.
बैचलर ऑफ वेटरनरी साइंस एंड एनिमल हसबेंडरी कोर्स पूरा करने के बाद आगे की पढ़ाई करके यानी मास्टर्स (M.VSc) करके खुद का क्लीनिक खोला जा सकता है या किसी क्लीनिक का हिस्सा बना जा सकता है. इसके अलावा पशुपालन विभाग, वन्यजीव अभ्यारण्य या सरकारी पशु चिकित्सालय, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, रिसर्च संस्थान, लैब्स में पशु चिकित्सक या रिसर्चर समेत अन्य पदों पर नौकरी हासिल की जा सकती है. इसके अलावा निजी क्षेत्र में पेटा, डेयरी कंपनियां और एफएमसीजी सेक्टर समेत अन्य कंपनियों में भी नौकरी की जा सकती है. बैचलर डिग्री के बाद नौकरी में शुरुआती पैकेज 4 लाख रुपये सालाना तक होता है, जो साल दर साल बढ़ता जाता है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today