सड़कों पर घूम रहे निराश्रित पशु अब लोगों की जान का दुश्मन बन रहे हैं. मुजफ्फरनगर के चौरावाला में सांड के आतंक(Bull terror) से ग्रामीण घरों में कैद हो गए हैं. सांड के द्वारा अब तक गांव में आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को घायल किया जा चुका है. ग्रामीण सांड से बचने के लिए अब अपने घरों के बाहर बल्ली का घेरा बना दिए हैं जिससे कि वह उनके घरों तक ना पहुंच सके. सांड के आतंक से अब किसान अपने खेतों की रखवाली को भी नहीं जा पा रहे हैं. यही नहीं खेतों के पास जंगल में तेंदुए के छिपे होने का निशान मिले है. पड़ोसी गांव ढासरी में जंगल में तेंदुए के पैरों के निशान देखे गए हैं. जंगल में कई दिन से ग्रामीणों के द्वारा तेंदुआ देखा जा रहा है जो कभी भी हमला कर सकता है.
मुजफ्फरनगर के चौरावाला गांव में सांड का आतंक इतना ज्यादा बढ़ चुका है कि लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. सांड ने घर से बाहर निकलते ही अब तक कई लोगों पर हमला कर चुका है. सांड से बचने के लिए लोगों ने अपने घरों के बाहर बल्ली लगा दी है. मुनेश का कहना है कि वह घर से बाहर झाड़ू लगा रही थी कि अचानक सांड आया और टक्कर मार कर उन्हें घायल कर गया. गांव के किसान रमेश को खेत से लौटते समय सांड ने टक्कर मारकर घायल कर दिया. वहीं दूसरे किसान सुरेश के भैंस को भी टक्कर मारकर सांड घायल कर चुका है. सांड के आतंक के चलते बच्चे भी स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है की खेतों पर जाने वाले किसान सांड के भय से अब रास्ता बदल कर जाते हैं.
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चौरावाला गांव से लेकर ढासरी गांव के लोग घर के बाहर सांड से परेशान है तो खेतों कि नजदीक अब तेंदुआ का खतरा हैं. ग्रामीण शौकीन ने बताया कि जंगल में तेंदुए के पैरों के निशान देखे गए हैं. इसके पहले भी कई दिनों से तेंदुआ देखा जा रहा है. वन विभाग को इसकी सूचना दे दी गई है लेकिन अभी तक तेंदुए के लिए को पकड़ने के लिए कोई योजना नहीं बनाई गई है. वहीं दूसरी तरफ सांड के आतंक से दिन में ही गांव में सन्नाटा रहता है. लोग अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं.
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