Lucknow Zoo News: राजधानी लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह लखनऊ चिड़ियाघर में दो नए मेहमान लाए गए. यह दोनों मेहमान तेंदुआ हैं, जोकि मां और बेटा हैं. मां का नाम है मोहिका और बेटे का नाम है मोहित, यूं तो लखनऊ चिड़ियाघर में पहले से ही 19 तेंदुए मौजूद हैं. इनमें अब ये दो मेहमान भी जुड़ गए हैं.लखनऊ चिड़ियाघर की निदेशक अदिति शर्मा ने बताया कि लखनऊ चिड़ियाघर दो तेंदुए बहराइच से लाए गए हैं. उन्होंने बताया कि वन विभाग की टीम ने इन दोनों को रेस्क्यू किया था. फिलहाल दोनों को अभी आइसोलेशन में रखा गया है. आइसोलेशन वार्ड लखनऊ चिड़ियाघर में बने हुए अस्पताल में बना हुआ है. कुछ दिन तक तेंदुओं को वहीं रखेंगे. इनकी स्थिति सही होने के बाद इन पर फैसला लिया जाएगा. बताया जा रहा है कि दोनों तेंदुए बहुत ही ज्यादा खूंखार है, और कई ग्रामीणों को निशाना बना चुके है.
अदिति शर्मा ने बताया कि दोनों तेंदुआ मां और बेटा हैं. बेटा मोहित है जिसकी उम्र लगभग एक साल है जबकि मां मोहिका है जिसकी उम्र लगभग 4 से 5 साल डॉक्टर ने बताई है. दोनों की देखरेख आइसोलेशन वार्ड में की जा रही है. फिलहाल अभी दोनों हल्की डाइट ले रहे हैं.
आपको बता दें कि लखनऊ चिड़ियाघर में लगातार तेंदुओं की संख्या बढ़ रही है. चिड़ियाघर प्रशासन के पास पहले से ही 19 तेंदूए थे. अब दो और आ जाने की वजह से कुल 21 लखनऊ चिड़ियाघर में वर्तमान में मौजूद हैं. यही वजह है कि लखनऊ चिड़ियाघर में अब तेंदुआ या फिर कोई दूसरा जानवर रखने की जगह नहीं बची है. लगभग आइसोलेशन वार्ड जोकि लखनऊ चिड़ियाघर में बना हुआ है फुल हो चुके हैं. यही वजह है कि यह जो दो तेंदुए रेस्क्यू करके लाए गए हैं उनको यहीं पर रखा जाएगा या उनकी देखभाल करने के बाद किसी जंगल में छोड़ दिया जाएगा यह अभी तय नहीं है.
लखनऊ चिड़ियाघर सोमवार को बंद रहता है. इस चिड़ियाघर में टूरिस्ट सुबह 8.30 बजे से लेकर 5.30 बजे तक घूम सकते हैं. टूरिस्टों को चिड़ियाघर में प्रवेश के लिए शुल्क लेना पड़ता है. इस चिड़ियाघर का निकटतम हवाई अड्डा चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है. यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन लखनऊ है. निकटतम मेट्रो स्टेशन हजरतगंज है. इस चिड़ियाघर की स्थापना 29 नवंबर 1921 को हुई थी. पहले इसका नाम प्रिंस ऑफ वेल्स जूलॉजिकल गार्डन रखा गया था. इसका क्षेत्रफल 29 हेक्टेयर था और साल 2001 में सरकार ने इसका नाम बदलकर लखनऊ प्राणी उद्यान कर दिया था. बाद में फिर साल 2015 में इसका नाम नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान किया गया.
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