Ban On These Dogs: बीते कुछ सालों में विदेशी कुत्तों के काटने से इंसानों की मौत की दर्दनाक घटनाएं सुर्खियों में रही हैं. इसी कड़ी में लखनऊ नगर निगम ने एक सख्त फैसला लिया है, जिसके मुताबिक लखनऊ में रहने वाले लोग पिटबुल समेत अब विदेशी नस्ल के कुत्ते न तो पाल सकेंगे न ही बेच सकेंगे. इंडिया टुडे के डिजिटल प्लेटफॉर्म किसान तक से खास बातचीत में लखनऊ नगर निगम के पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा ने बताया कि जिन लोगों ने अपने घरों में प्रतिबंध नस्लों के कुत्ते रखे हैं, अप्रैल से उनका लाइसेंस नहीं बनाया जाएगा. साथ ही इन नस्ल के कुत्तों के प्रजनन पर भी रोक लगाने का सुझाव दिया गया है. इन नस्लों के कुत्तों को पालने वाले मालिक ये कुत्ते तभी अपने पास रख सकेंगे जब वो उनकी नसबंदी का प्रमाण पत्र नगर निगम को देंगे. इसके लिए सिर्फ 31 मार्च तक का ही मौका मिलेगा. गौरतलब है कि यह प्रतिबंध केंद्रीय पशुपालन मंत्रालय के आदेश पर लगाया गया है.
डॉक्टर अभिनव वर्मा ने आगे बताया कि एक अप्रैल से प्रतिबंधित कुत्तों को जब्त करने की कार्रवाई नगर निगम की ओर से की जाएगी. कुत्ते को जब्त करने के साथ ही उनके मालिकों पर 5000 रुपए का जुर्माना भी लगाया जाएगा. नगर निगम के मुताबिक शहर में प्रतिबंधित नस्लों के करीब 400 पालतू कुत्ते घरों में हैं. नगर निगम ने चालू वित्तीय वर्ष में कुल 5370 पालतू कुत्तों के लाइसेंस जारी किए हैं. इनमें से 1090 ही देसी नस्ल के हैं. बाकी विदेशी नस्ल के हैं.
अभिनव वर्मा ने बताया कि इस कार्रवाई को करना आसान नहीं होगा क्योंकि लोगों के घर-घर जाना उनके कुत्तों की जांच करना थोड़ा कठिन साबित होगा. लेकिन इस कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा. इसमें पुलिस की मदद ली जाएगी. सबसे पहले ब्रीडिंग सेंटर पर कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद घरों में जाकर कार्रवाई करेंगे.
पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा ने बताया कि जिन विदेशी नस्लों के कुत्तों पर प्रतिबंध लगाया गया है उसमें पिटबुल टेरियर, तोसा इनु जापानी, अमेरिकन स्टेफोर्डशायर टेरियर, फिला ब्रासीलिरियो, डोगो अर्जेंटिनो, अमेरिकन बुलडॉग, कांगल शेफर्ड तुर्की नस्ल, सेंट्रल एशियन शेफर्ड डॉग, जिसे अलाबे, अलाबाई और तुर्कमेन वुल्फ-हाउंड के नाम से भी जाना जाता है. साथ ही रॉटविलर के साथ ही कई दूसरी प्रजातियां इसमें शामिल हैं. पशु कल्याण अधिकारी ने कहा है कि इन नस्ल के कुत्तों के लिए लाइसेंस नहीं दिया जाएगा. यह नियम मिश्रित और क्रॉस सभी नस्लों पर समान रूप से लागू होगा.
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