केंद्र और राज्य सरकारों का दूध उत्पादन बढ़ाने पर जोर है. इसी कड़ी में हिमाचल सरकार पशुपालन के जरिए दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य में मिल्क प्लांट लगा रही है. इसके साथ ही पशुपालकों को पशुओं की खरीद में सब्सिडी भी दे रही है. जबकि, गाय और भैंस के दूध की कीमतों को भी बढ़ाया है. अधिकारियों ने कहा कि राज्य के हमीरपुर जिले में हर दिन 60 हजार लीटर दूध उत्पादन बढ़ाने और पशुपालकों को उचित कीमतें दिलाने पर जोर दिया जा रहा है. यहां पर 250 करोड़ की लागत से मॉडर्न मिल्क प्लांट लगाया जा रहा है, ताकि पशुपालकों को दूध की उचित कीमत दिलाई जा सके. वहीं, पशुओं की संख्या जानने के लिए 1 सितंबर से गिनती शुरू की गई है.
हिमाचल प्रदेश सरकार पशुपालकों की आय बढ़ाने पर फोकस कर रही है. इसके लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट में गाय और भैंस के दूध की कीमतें बढ़ाई हैं. राज्य के पशुपालकों को गाय के दूध के लिए 45 रुपये मिलेंगे, जो पहले 38 रुपये प्रति लीटर था. जबकि, भैंस के दूध के खरीद मूल्य को बढ़ाकर 55 रुपये प्रति लीटर किया गया है, जो पहले 47 रुपये प्रति लीटर था. इसके बाद अब सरकार जिलावार दूध उत्पादन को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है. इसके लिए जिलावार निर्देश भी जारी किए गए हैं.
हमीरपुर जिले के उपायुक्त अमरजीत सिंह ने कहा कि हर दिन 1.90 लाख लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है. लेकिन, इसे बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि प्रतिदिन 2.50 लाख लीटर दूध उत्पादन का टारगेट रखा गया है. उपायुक्त अमरजीत सिंह ने शनिवार को पशुपालन में लोगों की अधिक भागीदारी पर जोर दिया. उन्होंने पशुपालन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, सहकारिता विभाग और दुग्ध संघ के अधिकारियों से जिले में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने और पशुपालकों को दूध के अच्छे दाम सुनिश्चित करने को कहा. बता दें राज्य के कई हिस्सों में दूध की तय कीमत से कम पशुपालकों को मिल रही है, जिसके बाद उपायुक्त ने सख्ती दिखाई है.
हमीरपुर जिले के उपायुक्त अमरजीत सिंह ने कहा कि कांगड़ा जिले के ढगवार में 250 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक मिल्क प्लांट लगाया जा रहा है. इससे पशुपालकों को काफी लाभ होगा. उन्होंने कहा कि 2018-19 की गणना के अनुसार जिले में 19,789 गाय और 97,246 भैंसें थीं. उन्होंने कहा कि 1 सितंबर से जिले में पशुओं की गिनती शुरू की गई है. यह गिनती 31 दिसंबर तक पूरी हो जाएगी. उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग के विशेषज्ञों को स्वयं सहायता समूहों, सहकारी समितियों और आम पशुपालकों को दुधारू पशुओं की उत्तम नस्ल के बारे में जानकारी देने के लिए बड़े पैमाने पर शिविर लगाने चाहिए.
मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में देश का सालाना दूध उत्पादन 24 करोड़ टन (240 मिलियन टन) के करीब है, जिसकी वजह से भारत दुनिया में दूध उत्पादन के मामले में नंबर वन बना हुआ है. वहीं, भारत में सबसे ज्यादा दूध उत्पादन वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है. आंकड़ों के अनुसार 2022-23 के दौरान उत्तर प्रदेश की कुल दुग्ध उत्पादन में हिस्सेदारी 15.72 फीसदी रही. इसके बाद राजस्थान 14.44 फीसदी, मध्य प्रदेश की हिस्सेदारी 8.73 फीसदी, गुजरात की 7.49 फीसदी और आंध्र प्रदेश का योगदान 6.70 फीसदी रहा.
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