उत्तर प्रदेश में लंपी स्किन डिजीज के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब पशुपालन विभाग युद्ध स्तर पर इस बीमारी को रोकने के प्रयास शुरू कर दिए हैं. इस बीमारी से निपटने के लिए निदेशक रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र डॉक्टर अरुण कुमार जादौन ने अगले 3 महीने के लिए सभी पशु चिकित्सा तथा उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारियों के अवकाश पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही हिसार के राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान से मंगाए गए लंपी प्रोबैक वैक्सीन का टीकाकरण भी शुरू कर दिया गया है.
उत्तर प्रदेश में लंपी स्किन डिजीज के मामले अभी गोरखपुर मंडल में ही ज्यादातर पाए गए हैं. इसलिए पशुपालन विभाग इस बीमारी पर फैलने से पहले ही नियंत्रण पाने के प्रयास में जुट गई है.
उत्तर प्रदेश में लंबी बीमारी से निपटने के लिए पशुपालन विभाग ने युद्ध स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है. प्रदेश में 5 करोड़ 20 लाख पशु है जिनमें से एक करोड़ 90 लाख गोवंश है. 2022 में लंपी स्किन डिजीज पर तेजी से टीकाकरण के माध्यम से पशुपालन विभाग ने नियंत्रण पाया था. इसलिए इस बार भी रोकथाम के लिए टीकाकरण का अभियान तेजी से चलाया जा रहा है. उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से के 30 जिलों पर पशुपालन विभाग का विशेष फोकस है. पशुपालन विभाग के निदेशक रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र डॉ अरुण कुमार जादौन ने अगले तीन महीने के लिए सभी पशु चिकित्सा एवं उपमुख्यमंत्री पशु चिकित्सा अधिकारियों के अवकाश पर भी रोक लगा दी है जिससे की वृहत टीकाकरण का अभियान तेजी से चलाया जा सके.
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उत्तर प्रदेश में अभी तक 2521 गोवंश में लम्पी स्किन डिजीज की पुष्टि हुई है. वही इस बीमारी के चलते 9 पशुओं की मौत भी हो चुकी है. इस बीमारी के तेजी से फैलने पर रोक लगाने के लिए पशुपालन विभाग युद्ध स्तर पर पशुओं में हिसार से मंगाए गए वैक्सीन का टीकाकरण किया जा रहा है. प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में लंपी बीमारी को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं. उन्होंने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को सर्विलेंस, वैक्सीनेशन और आइसोलेशन से इस बीमारी की रोकथाम के निर्देश दिए हैं. उन्होंने इस बीमारी को आपदा का स्वरूप लेने से पहले ही संक्रमण को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने के भी विशेष निर्देश दिए हैं.
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