Weather News Today: पंजाब में आज भारी बारिश का अनुमान, IMD ने फसलों के लिए जारी की एडवाइजरी

Weather News Today: पंजाब में आज भारी बारिश का अनुमान, IMD ने फसलों के लिए जारी की एडवाइजरी

एडवाइजरी में कहा गया है, खेत से अतिरिक्त बारिश का पानी निकालने के बाद नाइट्रोजन उर्वरक की बताई गई मात्रा डालें. अतिरिक्त पानी निकालने के बाद, यदि जरूरी हो तो जहां पानी की कुछ कमी है, उसे भरना शुरू करें. धान के खेत में पानी को केवल 2 सप्ताह तक रहने दें और उसके बाद 2 दिन बाद सिंचाई करें जब पानी पूरी तरह से मिट्टी में समा जाए.

इस विधि से करें धान की खेतीइस विधि से करें धान की खेती
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jul 24, 2024,
  • Updated Jul 24, 2024, 7:00 AM IST

भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी कि IMD ने कहा है कि बुधवार को पंजाब के कई इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है. साथ ही छिटपुट जगहों पर गरज और चमक की घटनाएं भी दर्ज की जा सकती है. हालांकि 25 जुलाई दिन गुरुवार को पंजाब के किसी भी हिस्से में बारिश का पूर्वानुमान नहीं है. बारिश को देखते हुए आईएमडी ने किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है. इसमें किसानों को फसलों को लेकर सचेत रहने और कुछ एहतियाती कदम उठाने को कहा गया है. आइए जानते हैं आईएमडी ने कहा एडवाइजरी दी है.

धान

  • खेत से अतिरिक्त बारिश का पानी निकालने के बाद नाइट्रोजन उर्वरक की बताई गई मात्रा डालें.
  • अतिरिक्त पानी निकालने के बाद, यदि जरूरी हो तो जहां पानी की कुछ कमी है, उसे भरना शुरू करें.
  • धान के खेत में पानी को केवल 2 सप्ताह तक रहने दें और उसके बाद 2 दिन बाद सिंचाई करें जब पानी पूरी तरह से मिट्टी में समा जाए.
  • बासमती सीएसआर 30, पूसा बासमती 1509 की रोपाई पूरी करने का यह सही समय है.
  • जिन खेतों में तना छेदक के कारण 5 परसेंट से अधिक पौधे मरे दिखाई दे रहे हैं, उनमें 60 मिली कोराजन 18.5 एससी या 20 मिली फेम 480 एससी या 50 ग्राम ताकुमी 20 डब्ल्यूजी या 170 ग्राम मोर्टार 75 एसजी या 1 लीटर कोरोबान/डर्सबान/लीथल/क्लोरगार्ड/डरमेट/क्लासिक/फोर्स 20 ईसी या 80 मिली नीम आधारित जैव-कीटनाशक, इकोटिन को 100 लीटर पानी में प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए.
  • जल्दी बोई गई फसल में बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट का प्रभाव दिखाई दे सकता है. इससे पूरा पौधा मुरझा जाता है और भूसे के रंग का हो जाता है. ऐसे में नाइट्रोजन के अत्यधिक उपयोग और खेतों में पानी भरने से बचें.

कपास

  • किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपने कपास के खेतों में हर सप्ताह पिंक बॉलवर्म के प्रकोप का सर्वेक्षण करें और कीटनाशकों का छिड़काव करके इसे नियंत्रित करें. जैसे कि 500 ​​मिली प्रफेनोफोस 50 ईसी (क्यूराक्रेन/कैरिना) या 100 ग्राम प्रोक्लेम 5 एसजी (इमामेक्टिन बेंजोएट) या 200 मिली इंडोक्साकार्ब 15 एससी (एवांट) या 250 ग्राम थायोडिकार्ब 75 डब्ल्यूपी (लार्विन) या 800 मिली इथियोन 50 ईसी (फॉस्माइट) प्रति एकड़ छिड़काव करें. यदि जरूरी हो तो 7 दिनों के बाद फिर से छिड़काव करें.
  • किसानों को सलाह दी जाती है कि वे नरमे की फसल को सूखे की मार न पड़ने दें, क्योंकि सूखा प्रभावित खेतों में सफेद मक्खी का हमला अधिक होता है. सुबह 10 बजे से पहले जब पौधे का ऊपरी हिस्सा 6 प्रति पत्ती पर पहुंच जाए, तब सफेद मक्खी के नियंत्रण के लिए छिड़काव शुरू करें.
  • वयस्क सफेद मक्खी की रोकथाम के लिए 200 मिली क्लास्टो 20 डब्लूजी (पाइरीफ्लुक्विनाजोन) या 400 मिली सफीना 50 डीसी (एफिडोपाइरोपिन) या 60 ग्राम ओसियन 20 एसजी (डाइनोटाफुरान) या 200 ग्राम पोलो/रूबी/क्रेज/लूडो/शौकू 50 डब्ल्यूपी (डायफेनथियूरोन) या 80 ग्राम उलाला 50 डब्लूजी (फ्लोनिकैमिड) या 800 मिली फॉस्माइट/ई-माइट/वाल्थियन/गोल्डमिट 50 ईसी (एथियन) का छिड़काव करें.

अरहर

  • बुवाई के लिए प्रति एकड़ 6 किलोग्राम बीज का प्रयोग करें, पंक्तियों के बीच 50 सेमी तथा पौधों के बीच 25 सेमी की दूरी रखें.
  • मध्यम से भारी बनावट वाली मिट्टी में गेहूं की क्यारियों में अरहर की फसल को सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है. क्यारियों में बुवाई करने से न केवल सिंचाई के पानी की बचत होती है, बल्कि फसल को भारी वर्षा के खराब प्रभाव से भी बचाया जा सकता है.

सब्जी फसलें

  • भिंडी की पंजाब सुहावनी, पंजाब लालिमा और लोबिया की लोबिया 263 किस्मों की बुवाई के लिए यह सही समय है.
  • लौकी, करेला, तोरई, टिंडा की बुवाई के लिए 2 किलोग्राम प्रति एकड़ बीज का प्रयोग करें. कद्दू और वंगा के लिए 1.0 किलोग्राम बीज का प्रयोग करें.
  • फूलगोभी की अगेती किस्मों की पौध की रोपाई मुख्य खेत में की जा सकती है.

 

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