चक्रवात मिचौंग के कारण झारखंड के सभी जिलों में बारिश हो रही है. चक्रवात के असर के कारण मंगलवार रात से लगातार बारिश हो रही है. गुरुवार को भी बारिश जारी है. इस बारिश के चलते किसानों को भारी नुकसान हुआ है. लगातार बारिश होने से खेतों और खलिहानों में पड़े धान की फसल पूरी तरह भींगकर अंकुरित होकर बर्बाद हो रही है. किसानों का कहना हैं कि जिले के अधिकांश किसानों की हालत ऐसी ही है किसान अपनी धान की फसलों को काट कर खेतों और खलिहानों में रखे थे, लेकिन बेमौसम बारिश की वजह से पूरी तैयार धान की फसल खराब हो गई. इससे किसानों आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा हैं.
धान की खेती को इस बारिश से नुकसान हुआ है क्योंकि धान की फसल काटने के लिए तैयार है या फिर काटकर किसानों ने उसे खेत पर ही रखा था ऐसे में बारिश के कारण धान भींग गई है औऱ वह खराब हो गई है. खास कर जो किसान बीज उत्पादने के लिए धान को भेजते हैं अब वो उस धान को नहीं भेज सकते हैं. जबकि सब्जी और अन्य रबी फसलों की खेती के लिए यह बारिश अच्छी मानी जा रही है.
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जिले की महिला किसान आलो देवी ने बताया कि पूरा धान पानी में भीगकर खराब होगया है,वही एक दूसरे किसान धनेश्वर महतो ने बताया कि खेत में पड़ा हुआ हम लोग का धान भीग गया अंकुरित होकर बर्बाद हो गया है. जिले में किसानों का यही हाल है बेमौसम बारिश ने किसानों का सब कुछ छीन लिया है. किसान नरेंद्र कुमार ने बताया कि दो दिनों से लगातार बारिश होने के कारण धान के साथ-साथ अन्य दूसरी फसलों का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. कुमार ने कहना है कि अब फसल न बेचने लायक और न खाने लायक बचा है.किसान अब सरकार की ओर टकटकी लगाए हुए हैं कि जलदी ही पंचनमा हो और मुआवजा मिले.
वहीं कृषि विज्ञान केंद्र गुमला के वैज्ञानिकों का कहना हैं कि बारिश के कारण अचानक हुए मौसम में बदवाल के कारण जिले में धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है, वहीं आलू और सरसों की खेती भी इसके कारण प्रभावित हो रही है. हालांकि किसानों को इसके लिए जागरूक किया गया है. वहीं दूसरी तरफ आम और अरहर की फसल के लिए यह बारिश उपयोगी है. पर जिस अरहर में फूल आ गए उनमें बारिश के कारण कीट का प्रकोप हो सकता है.
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