नए साल की शुरुआत में पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में बर्फबारी के साथ एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ का अनुमान है, जिसकी शुरुआत 1 जनवरी, 2025 से होगी. यह विक्षोभ धीरे-धीरे उत्तर-पश्चिम भारत को प्रभावित करेगा. 1 से 3 जनवरी तक इस क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी की उम्मीद है, जो 4 से 6 जनवरी तक छिटपुट और बाद में कई जगहों पर बारिश में बदल जाएगी. अलग-अलग क्षेत्रों, विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद में 5 जनवरी को भारी बर्फबारी होने की संभावना है.
दिल्ली सहित उत्तरी मैदानी इलाकों में 4 से 6 जनवरी के बीच हल्की से लेकर छिटपुट बारिश होने का अनुमान है. इसके साथ ही, हिंद महासागर और उससे सटे दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती सर्कुलेशन के कारण दक्षिणी तमिलनाडु में गरज के साथ तूफान और भारी बारिश होने का अनुमान है.
अभी पूरे भारत में तापमान में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. जम्मू, कश्मीर और लद्दाख क्षेत्रों में तापमान 0°C से नीचे दर्ज किया गया है, जबकि मैदानी इलाकों में सबसे कम तापमान 3.5°C पश्चिमी राजस्थान के उत्तरलाई में दर्ज किया गया. आने वाले दिनों में पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और उत्तर-पश्चिमी भारत के मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे वृद्धि देखी जाएगी. पूर्वी और मध्य भारत में तापमान में मामूली बदलाव होने की उम्मीद है, लेकिन कोई बड़ा बदलाव होने का अनुमान नहीं है.
हिमाचल प्रदेश में शीतलहर की चेतावनी और 31 दिसंबर को पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और राजस्थान के कुछ हिस्सों में भीषण ठंड की स्थिति की आशंका है. इसके साथ ही 2025 की शुरुआत भारत के उत्तरी और पश्चिमी भागों में मौसम संबंधी कई बदलाव देखे जाएंगे. पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा की प्लानिंग बनाने वाले यात्रियों को बर्फबारी के कारण अलग-अलग तरह के रुकावटों के लिए तैयार रहना चाहिए, जबकि उत्तरी मैदानी इलाकों में अधिक बारिश और कोहरा हो सकता है, जिससे आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए बाहर निकलते वक्त लोगों से सावधान रहने की अपील की जाती है.
उत्तराखंड में नए साल की शुरुआत के साथ ही भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इस क्षेत्र के लिए मौसम का अपडेट पूर्वानुमान जारी किया है. उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में मध्यम से घना कोहरा छाए रहने की संभावना है, जिससे विजिबिलिटी प्रभावित होगी और यात्रा में बाधा आ सकती है. इसे देखते हुए यात्रियों को सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है. इस पूर्वानुमान में मौसम संबंधी कोई महत्वपूर्ण चेतावनी नहीं दी गई है, जिससे राज्य के अधिकांश हिस्सों में मौसम एक जैसा रहने का इशारा मिलता है.
मैदानी इलाकों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस और 7 डिग्री सेल्सियस पर बना हुआ है. जबकि पहाड़ी इलाकों में पारा 14 डिग्री सेल्सियस और 4 डिग्री सेल्सियस पर बना हुआ है. केदारनाथ में तापमान -8 डिग्री सेल्सियस और औली में -3 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया. ऊंचे इलाकों में जाने वाले यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे यात्रा की प्लानिंग बनाने से पहले मौसम संबंधी अपडेट जांच लें. ऊंचाई वाले इलाकों के लिए मौसम संबंधी चेतावनियों का पालन करें. फिसलन भरी सड़कों पर यात्रा करने से पहले सावधान रहें. हिमालय की हवाएं मैदानी इलाकों में शीत लहरें लेकर आ रही हैं.