Kharif crop: बांदा में सूखे जैसे हालात, 1 सप्ताह में नहीं हुई बारिश तो सूखने लगेंगी खरीफ़ की फसल

Kharif crop: बांदा में सूखे जैसे हालात, 1 सप्ताह में नहीं हुई बारिश तो सूखने लगेंगी खरीफ़ की फसल

बुंदेलखंड में इस बार कम बारिश हुई है. ऐसे में किसानों को अपने फसलों की चिंता भी अब सताने लगी है. पिछले 5 सालों में इस वर्ष जुलाई में सबसे कम बारिश हुई है जिसके चलते किसानों की उम्मीद भी अब टूटने लगी है. कम बारिश के चलते खरीफ की बुवाई भी प्रभावित हुई है

बांदा में बढ़ रहे सूखे जैसे हालातबांदा में बढ़ रहे सूखे जैसे हालात
धर्मेंद्र सिंह
  • Banda ,
  • Jul 31, 2023,
  • Updated Jul 31, 2023, 10:50 AM IST

मौसम को लेकर प्रसिद्ध कवि घाघ की कहावत बुंदेलखंड के लोगों को याद आने लगी है. उनकी कहावत 'बोले लोमड़ी, फूली कांस , अब ना ही वर्षा की आस' के लक्षण बांदा के लोगों को डराने लगे हैं. कवि घाघ की कहावत के अनुसार कांच में अगर फूल आने लगे और लोमड़ी की चीख सुनाई देने लगी तो यह लक्षण बारिश की विदाई के संकेत हैं. बुंदेलखंड में इस बार कम बारिश हुई है. ऐसे में किसानों को अपने फसलों की चिंता भी अब सताने लगी है. पिछले 5 सालों में इस वर्ष जुलाई में सबसे कम बारिश हुई है जिसके चलते किसानों की उम्मीद भी अब टूटने लगी है. कम बारिश के चलते बुंदेलखंड के 18 बांध भी खाली पड़े है. सूखे के  चलते खरीफ ( Kharif crop) की बुवाई भी प्रभावित हुई है. वही किसानों की मानें तो अगर 1 सप्ताह और बारिश नहीं हुई तो उनकी फसल सूख जाएंगी.

बांदा में कम बारिश से पैदा हुए सूखे जैसे हालात

पिछले 5 सालों के बारिश के आंकड़ों पर गौर करें तो  वर्ष 2023 के जुलाई माह में सबसे कम बारिश हुई है जिसके चलते खरीफ की बुवाई ही नहीं बल्कि धान की रोपाई भी प्रभावित हुई है. किसान प्रेम सिंह का कहना है कि बीते बीते 15 दिनों से उनके इलाके में बारिश की स्थिति चिंताजनक है. अगर एक पखवारे के भीतर बारिश नहीं हुई तो धान की फसल चौपट हो जाएगी. जिले के 80 फीसद किसान की खरीफ की फसलों को नुकसान पहुंचा है.  जनपद में 20 फ़ीसदी फसल ही सिंचित है जबकि जिले में खरीफ का कुल रकबा 416059 हेक्टेयर है जिसमें अब तक केवल 334861 हेक्टेयर भूमि पर ही बुवाई हो सकी है. कम बारिश के चलते 15000 हेक्टेयर धान की फसल प्रभावित हुई है. इसके अलावा किसानों की उड़द की फसल भी काली पड़ने लगी है.

5 सालों के दौरान बारिश का आंकड़ा

वर्ष                           बारिश (मिमी) 

2018                       288
2019                       279
2020                       106
2021                        263
2022                        119
2023                           75

कम पानी वाली फसलों की बुवाई करें किसान

बांदा जनपद के जिला कृषि अधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि किसान कम पानी के उपयोग वाली फसलों की बुवाई करें. इसके अलावा खेतों में चारा प्रबंधन ,मेड़बंदी, पशुपालन की तरफ भी ध्यान दें जिससे खेती के साथ-साथ अन्य स्रोत भी तैयार हो सके और उनकी आय प्रभावित ना हो.

ये भी पढ़ें :Weather Update: आज भी बिगड़ा रहेगा मौसम, 15 से अधिक राज्यों में झमाझम बरसेंगे बादल, पढ़ें IMD की चेतावनी

बुंदेलखंड के 18 बांध कम बारिश के चलते हैं खाली

उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड में 2 जनपदों में ही कुल 26 बांध है. 13 बांध ललितपुर में जबकि 13 बांध झांसी में स्थित है. मानसूनी सीजन के दौरान हुई कम बारिश के चलते 18 बांध में 50 फीसदी तक खाली है.  झांसी के 8 बांध और ललितपुर के 10 बांध में 50 फ़ीसदी से भी कम पानी है.  इन सभी बांधों में बेतवा, केन, धसान ,पहुंज जैसी नदियों से पानी आता है लेकिन इस बार बुंदेलखंड में मानसून के रूठने की वजह से खेती किसानी पर भी संकट मंडराने लगा है. बुंदेलखंड के लाखों किसानों को न सिर्फ सिंचाई के लिए पानी मिलता है बल्कि प्याज भी बुझती है. सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बांध के ना भरने से सिंचाई के लिए पानी दे पाना मुश्किल हो जाएगा. वहीं कई इलाकों में पानी का संकट भी पैदा होगा.

 

MORE NEWS

Read more!