जम्मू-कश्मीर में बारिश-बर्फबारी के आसार, मौसम विभाग का अनुमान

जम्मू-कश्मीर में बारिश-बर्फबारी के आसार, मौसम विभाग का अनुमान

कश्मीर लंबे समय से सूखे के दौर से गुजर रहा है और दिसंबर में 79 फीसदी बारिश की कमी दर्ज की गई है. जनवरी के प्रथम सप्ताह में वर्षा नहीं हुई. कश्मीर के अधिकांश मैदानी इलाकों में बर्फबारी नहीं हुई है जबकि ऊपरी इलाकों में सामान्य से कम मात्रा में बर्फबारी हुई है. 'चिल्ला-ए-कलां' 31 जनवरी को खत्म हो जाएगा. 

Chances of rain and snowfall in Jammu and KashmirChances of rain and snowfall in Jammu and Kashmir
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jan 12, 2024,
  • Updated Jan 12, 2024, 6:52 PM IST

मौसम विभाग के अनुसार कमजोर पश्चिमी विक्षोभ की वजह से शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर का मौसम प्रभावित हो सकता है. इस दौरान ऊंचे इलाकों में अलग-अलग स्थानों पर हल्की बर्फबारी होने की संभावना है. बादल छाए रहने के कारण कश्मीर में न्यूनतम तापमान में मामूली वृद्धि हुई है. कमजोर पश्चिमी विक्षोभ शुक्रवार 17 जनवरी की शाम को जम्मू-कश्मीर को प्रभावित कर सकता है. इसके प्रभाव की वजह से आमतौर पर बादल छाए रहेंगे और ऊंचे इलाकों में अलग-अलग स्थानों पर हल्की बर्फबारी होने की संभावना है.

इस समय कश्मीर में शुष्क सर्दी के कारण रातें काफी ठंडी हो गई हैं और दिन सामान्य से अधिक गर्म हो गए हैं. श्रीनगर में दिन का तापमान सामान्य से 6 डिग्री सेल्सियस अधिक है. घाटी में रात का तापमान शून्य से नीचे बना हुआ है. श्रीनगर शहर में गुरुवार रात न्यूनतम तापमान शून्य से 4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया जो पिछली रात से एक डिग्री अधिक है.

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सबसे ज्यादा ठंड कहां?

काजीगुंड में न्यूनतम तापमान शून्य से 4.2 डिग्री नीचे और गुलमर्ग के स्की रिसॉर्ट में शून्य से 3.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम, जो वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए आधार शिविरों में से एक है, वहां न्यूनतम  तापमान शून्य से 5.3 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. कोकेरनाग शहर में न्यूनतम तापमान शून्य से 2.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि कुपवाड़ा में यह शून्य से 4.4 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा.  

कश्मीर वर्तमान में "चिल्ला-ए-कलां" की चपेट में है, जो 40 दिनों की कठोर सर्दियों की अवधि है. इसके दौरान क्षेत्र में शीतलहर चलती है और तापमान में काफी गिरावट आती है, जिससे जल निकायों के साथ-साथ पाइपों में भी पानी जम जाता है. इस अवधि के दौरान बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक होती है और अधिकांश क्षेत्रों, विशेषकर ऊंचे इलाकों में भारी बर्फबारी होती है. 

ठंड कब कम होगी? 

कश्मीर लंबे समय से सूखे के दौर से गुजर रहा है और दिसंबर में 79 फीसदी बारिश की कमी दर्ज की गई है. जनवरी के प्रथम सप्ताह में वर्षा नहीं हुई. कश्मीर के अधिकांश मैदानी इलाकों में बर्फबारी नहीं हुई है जबकि ऊपरी इलाकों में सामान्य से कम मात्रा में बर्फबारी हुई है. 'चिल्ला-ए-कलां' 31 जनवरी को खत्म हो जाएगा. हालांकि, उसके बाद 20 दिन की 'चिल्ला-ए-खुर्द' (छोटी ठंड) और 10 दिन की 'चिल्ला-ए-बच्चा' के साथ ठंड की स्थिति जारी रहेगी. शुक्रवार को श्रीनगर की ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में लोगों ने बर्फबारी, बारिश और सूखे से राहत के लिए विशेष दुआ की. इस दौरान बड़ी संख्या में नमाजी दुआ के लिए पहुंचे.

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