आप भी शायद भरोसा न करें, लेकिन नेचुरल फार्मिंग की इस दिलचस्प कहानी को सरकार ने नीति आयोग ने बयां किया है. इस कहानी का लब्बोलुआब ये है कि अधिक पैदावार और बंपर कमाई लेने के लिए जरूरी नहीं कि खेतों में भर-भर के केमिकल खाद झोंकी जाए. ये कहानी बताती है कि घर पर गोबर आदि से बने खाद भी आपको लखपति बना सकते हैं. चलिए जानते हैं पूरी कहानी क्या है. किसान अमित वर्मा रामपुर जिले के पसियापुर जनूबी गांव के रहने वाले हैं. किसानी से हटकर चौंकाने वाली है इनकी पढ़ाई. अमित वर्मा ने पहले बी-टेक किया, उसके बाद मार्केटिंग में एमबीए की डिग्री ली. लेकिन सबकुछ करने के बाद वे अपनी मिट्टी की ओर लौटे और वहां भी कमाल किया.
अमित वर्मा ने अपनी खेती में क्या किया, कैसे किया, आइए इसे एक-एक पॉइंट में जानते हैं.
- साल 2021 तक का आंकड़ा बताता है कि अमित वर्मा ने 10 एकड़ में काला गेहूं, 2 एकड़ में सहजन और हरी मिर्च, 2 एकड़ में शिमला मिर्च, 5 एकड़ में पीली सरसों, अलसी और तिल, 5 एकड़ में गन्ना, एक एकड़ में चना और एक एकड़ में हल्दी की खेती करते हैं.
- अमित वर्मा ने अपनी कमाई बढ़ाने के लिए घर में ही प्रोसेसिंग यूनिट लगाई. इसी में पैकेजिंग, मार्केटिंग, ब्रांडिंग का काम शुरू किया. रामपुर कृषक के नाम से अपने कृषि उपजों के लिए एक ब्रांड बनाया और उसका प्रचार किया.
- अपने ब्रांड के साथ अन्य किसानों को जोड़ा और एफपीओ के जरिये अपने नेचुरल प्रोडक्ट को बेचा. बिना किसी प्रिजर्वेटिव के फूड सप्लिमेंट बनाए और महिलाओं-बच्चों में बांटा.
- 'आहार से उपचार प्रोग्राम' के तहत बच्चों और महिलाओं में 2200 सप्लिमेंट किट्स बांटे. इससे उनके प्रोडक्ट की ब्रांडिंग और भी बढ़ गई.
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कितनी हुई कमाई
फसल-गन्ना | नेचुरल फार्मिंग (2 हेक्टे) | परंपरागत खेती (2 हेक्टे) |
खर्च | 175000 रुपये | 200000 रुपये |
उत्पादन (क्विंटल) | 2500 | 2500 |
ग्रॉस रिटर्न | 1250000 रुपये | 875000 रुपये |
नेट रिटर्न | 1100000 रुपये | 787500 रुपये |
लाभ और उपलब्धियां
- नेचुरल फार्मिंग के अंतर्गत अपने इलाके में मधुमक्खी पालन शुरू किया.
- खेती में केंचुआ खाद का इस्तेमाल किया और उससे दिनों दिन फसल की पैदावार बढ़ती गई.
- नेचुरल फार्मिंग में पाया गया कि फसलों पर कीटों का अटैक कम होता है, केमिकल खादों की तुलना में.
- जितने भी कृषि उत्पाद मिले, सब केमिकल फ्री रहे.
- नेचुरल फार्मिंग से खेती का खर्च बेहद कम हो गया.
- घर बैठे लोगों ने अमित वर्मा से प्रोडक्ट खरीदने के लिए ऑर्डर दिया. लोगों को घर तक कृषि उत्पाद पहुंचाए गए.
- ICAR ने अमित वर्मा के काम को देखते हुए 2020-21 का बेस्ट इमर्जिंग एफपीओ अवॉर्ड दिया.
- यूपी कृषि विभाग की ओर से अमित वर्मा को स्पेशल अवॉर्ड दिया गया.