हरियाणा के गांव चंदू की रहने वाली पूजा शर्मा आज लाखों महिलाओं के लिए मिसाल बन चुकी हैं. महिला किसान से उद्यमी तक का सफर तय करने के बाद पूजा के कार्यों को खूब प्रोत्साहन मिल रहा है. लेकिन उनका ये सफर इतना आसान नहीं था. किसान तक से हुई बातचीत में पूजा ने बताया कि जब उनका जन्म हुआ था तो घर के लोगों को काफी निराशा हुई कि बेटी पैदा हुई है. परिवार की आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं थी. फिर महज 20 वर्ष की आयु में उनकी शादी हो गई. शादी के बाद दो बेटियों और एक बेटे के साथ जब परिवार बढ़ने लगा तो खर्चे भी बढ़ने लगे और आर्थिक संकट आने लगे.
पूजा शर्मा बताती हैं कि वो और उनके पति नौकरी के लिए शहर की ओर रुख नहीं करना चाहते थे. इसलिए उन्होंने अपने पति की मदद करने की ठानी और कुछ ग्रामीण महिलाओं के साथ मिलकर ही खुद का काम करने का मन बनाया. आज उनका काम सफल कारोबार में तब्दील हो चुका है.
पूजा ने वर्ष 2013 में कृषि विज्ञान केंद्र शिकोहपुर से और फिर हरियाणा राज्य आजीविका मिशन और रूडसेट संस्थान से जुड़ते हुए खाद्य उत्पादों को तैयार करने के विषय में प्रशिक्षण लिया और स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ जुड़ गईं.
इसके बाद पूजा ने बाजरे से कई तरह के खाद्य उत्पाद बनाना शुरू किया. जैसे कि बिस्किट, नमकीन, मट्ठी, लड्डू, आदी. फिर सभी उत्पादों को बाजार में उतारा. देखते ही देखते ये खाद्य उत्पाद लोगों को खूब पसंद आने लगे और आज उनके द्वरा बनाए गए बिस्किट और कुकीज की डिमांड फाइव स्टार होटलों से भी आने लगी है.
पूजा शर्मा बताती हैं कि अपने इस व्यवसाय से उन्होंने क्षेत्र की महिलाओं को जोड़ा है और उन्हें रोजगार के अवसर भी दिए हैं. साथ ही वो करीब एत हजार महिलाओं को प्रशिक्षित भी कर चुकी हैं. इनके यहां फूड मैनुफेक्चरिंग यूनिट में काम करने वाली महिलाएं महीने में सात से आठ हजार रुपये की आमदनी कर लेती हैं.
पूजा के द्वारा महिला सशक्तीकरण की दिशा में असाधारण कार्य करने और समाज के उत्थान में किए गए कार्यों और उनकी उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें 8 मार्च, 2022 को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ‘नारी शक्ति पुरस्कार’से सम्मानित किया था. साथ ही पूजा को इनोवेटिव फार्मर अवार्ड, पंडित दीनदयाल उपाध्याय पुरस्कार, वीमेन फार्मर अवार्ड सहित कई अन्य पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका है.