शौक से छत पर उगाई फल और सब्जियां, अब देश -विदेश से लोग ले रहे ट्रेनिंग

शौक से छत पर उगाई फल और सब्जियां, अब देश -विदेश से लोग ले रहे ट्रेनिंग

हरियाणा के करनाल जिले रहने वाले रामविलास अपने घर की छत पर विभिन्न प्रकार की सब्जियां, फूल, ड्रैगन फ्रूट, अमरूद, बेर आदि उगा रहे हैं. इससे उनको अच्छा मुनाफा मिल रहा है. उनकी काबिलियत के चर्चे न केवल देशवभर में हो रहे हैं बल्कि अमेरिका से भी लोग उनके पास आकर वर्टिकल फार्मिंग की ट्रेनिंग हासिल कर रहे हैं.

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कमलदीप
  • Karnal,
  • Dec 07, 2023,
  • Updated Dec 07, 2023, 7:35 PM IST

जूनुन और मेहनत से सब हासिल किया जा सकता है. ये सच साबित कर दिखाया है करनाल के रहने वाले रामविलासा ने. जिनकी काबिलियत के चर्चे न केवल देशभर में हो रहे हैं  बल्कि अमेरिका से भी लोग उनके पास आकर वर्टिकल फार्मिंग की ट्रेनिंग हासिल कर रहे हैं. रामविलास ने अपनी छत को एक मिनी फार्म हाउस में तब्दील कर दिया है, जहां वे विभिन्न प्रकार की सब्जियां, फूल, ड्रैगन फ्रूट, अमरूद, बेर आदि उगा रहे हैं. जमीन न होने के बाद भी वो हर महीने लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं. 

रामविलास का मानना है कि खेती केवल बड़ी जमीन पर ही नहीं हो सकती. उन्होंने बताया कि अब केवल 10 प्रतिशत लोगों के पास ही जमीन है, लेकिन उनके जैसे लोग छत को खेती के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने छत पर विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियां उगाई हैं, जिससे वे साल भर ताजी सब्जियां प्राप्त कर पा रहे हैं. इसके अलावा, रामविलास ने ग्लोबल वार्मिंग के प्रति भी जागरूकता बढ़ाई है. उनके अनुसार, छत पर पौधे लगाने से एसी और पंखों का इस्तेमाल कम होता है और छत ठंडी रहती है. उनकी इस पहल से अब महाराष्ट्र, गुजरात सहित विभिन्न राज्यों से लोग ट्रेनिंग हासिल करने आ रहे हैं. यहां तक कि अमेरिका से भी लोग उनके पास पहुंच रहे हैं.

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छत पर कौन -कौन से फल उगाए

रामविलास फसल उगाने के जमीन की अब ज्यादा जरूरत नहीं है आने वाले समय में सब छत पर ऑर्गेनिक फ़ार्मिंग कर सकते हैं. रामविलास ने बताया कि वो अपने छत पर अमरूद, ड्रेगन फ्रूट,सेब, टमाटर, बेर, लौकी और कई प्रकार के फूल भी लगाए हैं. उनका कहना है कि छत पर पौधे लगाएंगे तो एसी, पंखे कम चलाना पड़ेगा, छत ठंडी रहेंगी.खाने को ताजी सब्जियां मिल जाएगी.

लोग दूर -दूर से आ रहे हैं ट्रेनिंग लेने

रामविलास ने बताया कि देश के सभी राज्यों जैसे महाराष्ट, गुजरात आदि से लोग आते हैं. करनाल में दो से तीन दिन रुक कर ट्रेनिंग लेकर जाते हैं. अब तो किसान भी साथ जुड़ रहे हैं. उनका कहना है उसके पास ट्रेनिंग लिए वीडियो देखकर अमेरिका से भी लोग आए थे. अब दूसरी बार भी आने वाले हैं. रामविलास का यह प्रयास न केवल किसानों के लिए बल्कि हर व्यक्ति के लिए प्रेरणादायक है, जो छोटे स्थान पर भी अधिकतम उपज लेना चाहते हैं. वर्टिकल फार्मिंग के जरिए वे तीन गुना उपज ले रहे हैं. रामविलास की यह पहल एक बड़ी आर्थिक स्रोत बन गई है.  शादी-विवाह जैसे अवसरों पर फूलों की बिक्री से भी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. उनका यह प्रयास अन्य लोगों को भी प्रेरित कर रहा है.

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