Success Story: खेती के लिए छोड़ी सरकारी नौकरी, अब लाखों की कमाई कर रहे ये गोंडा के किसान

Success Story: खेती के लिए छोड़ी सरकारी नौकरी, अब लाखों की कमाई कर रहे ये गोंडा के किसान

गोंडा जिले के मनकापुर के रहने वाले प्रवीण ने आगे बताया कि पिछले साल चने के साथ धनियां की खेती की. चने में मुझे कोई पेस्टीसाइड डालना नहीं पड़ा, क्योंकि धनियां ने उसे कीट रोगों से बचाया. यह प्रयोग तो सफल रहा, ऐसे हर दिन एक नया प्रयोग करते रहते हैं.

गोंडा जिले के मनकापुर के किसान प्रवीण सिंह (Photo-Kisan Tak)गोंडा जिले के मनकापुर के किसान प्रवीण सिंह (Photo-Kisan Tak)
नवीन लाल सूरी
  • Lucknow,
  • Aug 30, 2024,
  • Updated Aug 30, 2024, 3:34 PM IST

Gonda News: कुछ लोगों में खेती करने का ऐसा जुनून होता है कि वह सरकारी और प्राइवेट नौकरी छोड़ने के बाद खेती करना शुरू कर देते हैं. लेकिन आज हम एक ऐसे शख्स के बारे में बात करेंगे, जिसने अच्छी- खासी सरकारी नौकरी छोड़ दी और अब गांव आकर खेती कर रहा है. दरअसल, हम जिस किसान के बारे में बात करने जा रहे हैं, उसका नाम प्रवीण कुमार सिंह है. प्रवीण उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के मनकापुर के रहने वाले है. पहले वह भारत सरकार के उपक्रम इंडियन टेलीफोन इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आईटीआई) मनकापुर में सहायक प्रबंधक, मानव संसाधन के पद पर तैनात थे,  इंडिया टुडे के किसान तक से बातचीत में किसान प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि मुझे हर महीने 90 हजार रुपये सैलरी मिलती थी. लेकिन 2019 में उन्होंने से वीआरएस ले लिया. सरकारी काम में मन नहीं लग रहा था, तो ऐसे में वह अपनी पुश्तैनी फार्म हाउस पर खेती करने लगे है, जिससे साल में 24 से 25 लाख रुपये की कमाई हो रही है.

इंटीग्रेटेड फार्मिंग को दे रहे बढ़ावा

उन्होंने बताया कि इंटीग्रेटेड फार्मिंग के जरिए कम रिस्क के साथ अच्छा पैसा कमाया जा सकता है. यह कृषि का एक ऐसा मॉडल है, जिसमें एक ही जगह पर तरह-तरह की फार्मिंग संबंधित गतिविधियां की जाती हैं. इसी मॉडल को अपनाते हुए हम अपने फार्म हाउस में आम का 8 एकड़ का बाग हैं, जहां आधे एकड़ में 23 से 24 वैरायटी के आम लगे हुए है. लेकिन हम सबसे ज्यादा गन्ने की खेती करते है.

युवा किसानों को जागरूक करना मेरा मकसद

जहां मुझे कई बार सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं के द्वारा सम्मानित किया जा चुका हैं. हम जिले के बाकी किसानों को भी गन्ने के नई-नई तकनीक की जानकारी देते रहते है. सफल किसान प्रवीण कुमार सिंह बताते हैं कि हम केवीके और देश के अलग-अलग राज्यों से नए-नए किस्म के बीज लाकर अपने खेत में प्रयोग करते है. फिर बाकी किसानों को इसके बारे में जागरूक करते है. जिससे कम लागत में अच्छी पैदावार हो सकें. 

मंचिंग विधि से सब्जियों की खेती 

गोंडा जिले के मनकापुर के रहने वाले प्रवीण ने आगे बताया कि पिछले साल चने के साथ धनियां की खेती की. चने में मुझे कोई पेस्टीसाइड डालना नहीं पड़ा, क्योंकि धनियां ने उसे कीट रोगों से बचाया. यह प्रयोग तो सफल रहा, ऐसे हर दिन एक नया प्रयोग करते रहते हैं. वहीं खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव करने के लिए ड्रोन का उपयोग करते है. 

कीटनाशकों का छिड़काव करने के लिए ड्रोन का उपयोग

गन्ने की खेती के बारे में प्रवीण सिंह ने बताया कि फिलहाल हम 20 एकड़ में गन्ने की खेती कर रहे है. वहीं 8 एकड़ में आम का बाग है. वहीं सब्जियों की खेती के मंचिंग विधि से शिमला मिर्च और पत्ता गोभी और बैगनी रंग की फूल गोभी की खेती की. सभी सब्जियों के साथ स्ट्रॉबेरी की खेती की. सभी की पैदावार अच्छी हुई. 

जो ठान लिया, उसे पूरा करके दिखाया

गोंडा जिले के मनकापुर के किसान प्रवीण सिंह ने जो ठान लिया, उसे पूरा करके दिखाया. उन्होंने पहली बार शिमला मिर्च की खेती की और इस बार शानदार पैदावार हासिल की, उनका कहना है कि यहां की मिट्टी इतनी उपजाऊ है कि इसमें कुछ भी उगाया जा सकता है.

सालाना टर्नओवर 24 से 25 लाख रुपये

सालाना इनकम के सवाल पर गोंडा के किसान प्रवीण सिंह ने बताया कि आम के बाग से 2 लाख, गन्ने से 17-18 लाख और सब्जियों में 2-3 लाख रुपये की कमाई कर रहे है. उन्होंने बताया कि सालाना टर्नओवर 24 से 25 लाख रुपये हो जाता हैं. वह कहते हैं कि अन्नदाता होने में जो सुख व सुकून है, वह किसी कारोबार या नौकरी में नहीं है.


 

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