Banana Farming: उत्तर प्रदेश में अब ज्यादातार किसान केला की खेती ऑर्गेनिक तकनीक से कर रहे हैं, जिससे अच्छी खासी कमाई हो रही है. इसी क्रम में बाराबंकी के सैदाहा गांव के प्रगतिशील किसान संग्राम सिंह जी-9 केले की खेती ऑर्गेनिक तकनीक से करके प्रति वर्ष 3 से 4 लाख रुपये तक की कमाई कर रहे है. इंडिया टुडे के किसान तक से बातचीत में सफल किसान संग्राम सिंह ने बताया कि पिता जी की 3 एकड़ पुश्तैनी जमीन पर हम एक एकड़ पर केले की खेती 2016 से कर रहे है. हालांकि अब समय बदल गया है क्योंकि खेत में केमिकल का प्रयोग अधिक हो रहा है. इससे जमीन खराब हो गई है. ऐसे में हम ऑर्गेनिक तरीके से केले की बंपर उत्पादन कम जमीन में कर रहे है. उन्होंने बताया कि वो अपने खेत के लिए जीवामृत बनाने के लिए गोबर गौमूत्र, बेसन, प्याज का रस बस, नीम का पत्ता, डिकंपोजर, मिर्च, लहसुन इत्यादि का प्रयोग करते हैं. सबसे अच्छी बात ये है कि जीवामृत बनाने के लिए इन्हें बाहर से कुछ भी लाने की जरूरत नहीं होती. खाद का इंतजाम हम खुद घर में कर लेते है.
केले की खेती करने वाले किसान संग्राम सिंह ने बताया कि रसायनिक खाद का प्रयोग बिल्कुल बंद नहीं किया जा सकता. क्योंकि उत्पादन बहुत कम हो जाएगा. पहले जैसे हम लोग 10 बोरी फर्टिलाइजर डालते थे, अब 5 बोरी का प्रयोग कर रहे हैं. वहीं हम लोग अब धीरे-धीर कम कर रहे है. बाजार से खरीदा गया कीटनाशक बहुत महंगा होता है जबकि गोमूत्र से तैयार कीटनाशक बेहद कम पैसे में तैयार हो जाता है. इससे जीरो बजट खेती में मदद मिलती है. प्राकृतिक खेती एक ऐसी पद्धति है जिसमें रसायनों का प्रयोग नहीं होता है.
संग्राम सिंह बताते हैं कि जी-9 केले की खेती एक एकड़ में जैविक विधि से कर रहे हैं. इसमें लागत करीब एक बीघे में 30 से 35 हजार रुपये आती है. वहीं, मुनाफा करीब हमें 3 से 4 लाख रुपये तक हो जाता है. जैविक विधि द्वारा तैयार केला अन्य केले के मुकाबले काफी मीठा और काफी स्वादिष्ट होता है. इससे उन्हें अच्छा रेट मिल जाता है. केले के पौधे की कीमत 16 से 18 रुपये के बीच होती है और एक बार खेती करने के बाद ये फसल दो साल तक उत्पादन देती है.
उन्होंने बताया कि हम खेत के केले की डिमांड बहुत ज्यादा है, लोकल व्यापारी खेत में आकर सौदा कर लेते है. इस साल एक एकड़ में 300-315 क्विंटल केले की पैदावार हुई है. संग्राम ने बताया कि 20 रुपये प्रति किलो और 2 हजार रुपये प्रति क्विंटल के रेट से इस बार हमने केला बेचा है. उन्होंने बताया कि केले के अलावा हम पहली बार ड्रैगन फ्रूट की भी खेती आधे एकड़ में कर रहे है.