UP के 5वीं पास युवक ने खजूर की पत्तियों से खड़ा किया बड़ा बिजनेस, अब इस तरह कमा रहा बंपर मुनाफा

UP के 5वीं पास युवक ने खजूर की पत्तियों से खड़ा किया बड़ा बिजनेस, अब इस तरह कमा रहा बंपर मुनाफा

वह बताते हैं कि वह खजूर के पत्तों को खरीदने में लगभग 10 से 15 हजार रुपए की लागत आती है. इससे बनाने के लिए खूब सारी मेहनत होती है और इसे खासतौर पर जंगलों से खजूर के पत्ते तोड़कर लाना पड़ता है.

झाड़ू ने बदली मोहम्मद नफीस की तकदीर (Photo-Kisan Tak)
नवीन लाल सूरी
  • Lucknow,
  • Apr 05, 2024,
  • Updated Apr 05, 2024, 10:25 AM IST

Success story: हौंसलों से ही उड़ान होती है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया रायबरेली जिले के रहने वाले मोहम्मद नफीस ने जो लोगों के लिए मिसाल बन गए हैं. रायबरेली जनपद के बछरावां थाना क्षेत्र अंतर्गत अमवा गांव के रहने वाले मोहम्मद नफीस बेहद गरीब परिवार से आते हैं. पिता किसी तरह से परिवार का भरण पोषण करते थे. इसीलिए वह पढ़ाई नहीं कर सके. उन्होंने 5वीं तक की शिक्षा गांव के ही प्राथमिक विद्यालय से हासिल की. जब पैसों की तंगी के करण उनकी पढ़ाई छूट गई तो उन्होंने खजूर की पत्तियों से झाड़ू बनाने का काम शुरू कर दिया. जिससे वह अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.

10 से 15 हजार रुपए की लागत

अपने काम का जिक्र करते हुए मोहम्मद नफीस ने बताया कि झाड़ू बनाने का काम उनका पुश्तैनी व्यवसाय है. उनके पिता इस काम को बहुत ही छोटे स्तर पर करते थे, लेकिन उन्होंने अपने पिता के काम को संभाला और बड़े स्तर पर शुरू कर दिया. जिससे वह अच्छी कमाई कर रहे हैं. वह बताते हैं कि वह खजूर के पत्तों को खरीदने में लगभग 10 से 15 हजार रुपए की लागत आती है. इससे बनाने के लिए खूब सारी मेहनत होती है और इसे खासतौर पर जंगलों से खजूर के पत्ते तोड़कर लाना पड़ता है.

ऐसे तैयार होती है खजूर की पत्तियों का झाड़ू

रायबरेली जनपद के बछरावां थाना क्षेत्र अंतर्गत अमवा गांव के रहने वाले नफीस बताते हैं कि खजूर की पत्तियों से झाड़ू बनाने के लिए उन्हें पहले पानी में भिगोकर रखना पड़ता है. उसके बाद पत्तों को सुखाकर पत्तों को एक साइड में काटना पड़ता है. बाद में पत्तों को इकट्ठा करके एक साइड में रबड़ की सहायता से बंद कर दिया जाता है तथा लकड़ी से बनी पाटे पर झाड़ू को छिटकना पड़ता है.

रायबरेली से लेकर लखनऊ की बाजारों में बिक्री

मोहम्मद नफीस ने आगे बताया कि वह झाड़ू को तैयार करने के बाद रायबरेली से लेकर लखनऊ की बाजारों में बिक्री के लिए भेजते हैं. जहा से उन्हें अच्छा मुनाफा मिल जाता है. उन्होंने कहा कि वह महीने में लागत निकालने के बाद लगभग 50 हजार रुपए तक की आसानी से कमाई कर लेते हैं.


 

MORE NEWS

Read more!