पराली बीते कुछ सालों में समस्या बन कर उभरी है. पंजाब-हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ता है. पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण की इन घटनाओं को देखते हुए दिल्ली के रहने वाले युवा इंजीनियर अर्पित धूपर ने एक स्टार्टअप की शुरूआत की है
इन सभी प्रोडक्ट्स को धान की फसल के अवशेष पराली के सदुपयोग करते हुए बनाया जाता है. ये सभी बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग प्रोडक्ट हैं. हरियाणा के फरीदाबाद में अर्पित अपनी कंपनी धरक्षा इको सलूशन की यूनिट में पराली और मशरूम कल्चर को मिलाकर एक ईको-फ्रेंडली थर्मोकोल बना रहे हैं.
अर्पित बताते हैं कि इस सफर की शुरूआत उन्होंने मशरूम फार्मिंग से की थी और उन्होंने ओयस्टर मशरूम उगाया, लेकिन समय बीता तो उनकी समझ में आया कि इसकी खेती से वह केवल पराली का प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन इसके बाद भी अवशेष रह जाते हैं.
थर्माकोल तो प्लास्टिक से कई ज्यादा हानिकारक होता है, इसलिए अर्पित ने इसको रिप्लेस करने के लिए बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग प्रोडक्ट तैयार किया है और पराली को जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने की दिशा में भी एक प्रयास किया है. इसी क्रम में वो अब तक करीब 250 टन पराली को जलने से बचा चुके हैं.
इस यूनिट पर पहले पराली को चॉप करते हैं. फिर इसमें एक खास किस्म का मशरूम कल्चर और मिश्रण तैयार किया जाता है, जो कि पूरी तरह से प्राकृतिक होता है. फिर इन्हें प्लस्टिक बैग में भरकर बॉयलर में एक तापमान पर रखा जाता है, जिससे कि बैग में नमी बरकरार रहे. फिर इन बैग को लैब में रखा जाता है, जिसमें एक सीमित तापमान में इसे रखा जाता है. जब इन बैग मशरूम उगना तैयार होता है तो इनको पूरी फसल तैयार होने से पहले ही खोल लिया जाता है और इन बैग से निकलने वाले पदार्थ को सांचे में भरकर जरूरत के अनुसार बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग प्रोडक्ट तैयार किये जाते हैं.
धराक्षा इको-सॉल्यूशन कंपनी बायोडिग्रेडेबल पैकेजिग प्रोडक्ट तैयार करने के लिए किसानों से उनकी पराली 2,500 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से खरीद रही है. जिससे कि किसानों को आमदनी भी हो रही है और खेतों में जलने वाली पराली से होने वाले प्रदूषण में भी कमी आ रही है.
बड़ी-बड़ी कंपनियां भी धरक्षा इको सलूशन कंपनी के द्वारा बनाए गए ईको-फ्रेंडली थर्माकोल प्रोडक्ट्स को पसंद कर रही हैं, इन उत्पादों की कीमत अभी थर्माकोल से ज्यादा पड़ती है लेकिन इसकी गुणवत्ता थर्माकोल से काफी बेहतर है.