PHOTOS: पारंपरिक फसलों को छोड़कर की पैशन फ्रूट की खेती, कमाई में हुआ फायदा

सक्सेस स्टोरी

PHOTOS: पारंपरिक फसलों को छोड़कर की पैशन फ्रूट की खेती, कमाई में हुआ फायदा

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महाराष्ट्र में कभी सूखा तो कभी बाढ़ से परेशान किसान अब परंपरागत खेती की जगह नई फसलों की खेती की ओर रुख कर रहे हैं. पुणे के इंद्रापुर तालुका के रहने वाले किसान पांडुरंग बरल ने पारंपरिक फसलों को छोड़कर ब्राजीलियन फल पैशन फ्रूट (Passion fruit) की खेती कर 4 लाख रुपये का मुनाफा कमाया है. 

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इंदापुर तालुका के कचरवाड़ी गांव के किसान पांडूरंग बरल और उनका परिवार खेती में हमेशा अलग-अलग प्रयोग करते रहते हैं. सब्जी और अनार की खेती में नुकसान झेलने के बाद, बरल परिवार ने जामुन, सिताफल, पपीता और अमरूद जैसे फल भी लगाए. इनका देख आसपास के किसान भी वही फसल उगाने लगे थे. इसके चलते बरल को उतना लाभ नहीं मिल रहा था. 

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इसलिए उनके मन में खेती में नई तकनीक लाकर कुछ अलग करने की इच्छाशक्ति जाग उठी. जिसके बाद पांडूरंग ने  खेती की नई तकनीक सीखने के लिए यूट्यूब पर वीडियो देखना शुरू किया और उन्हें राजस्थान के किसनगढ़ में एक किसान द्वारा पैशन फ्रूट की सफलतापूर्वक खेती करने के बारे में पता चला. बरल परिवार ने राजस्थान जाकर इस खेती के बारे में जानकारी ली, वहां उन्हें ज्यादा जानकारी तो नहीं मिली, लेकिन बरल परिवार ने तय किया कि उन्हें भी पैशन फ्रूट की खेती ही करनी चाहिए.

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शुरुआत में उन्होंने साढ़े तीन बिघा जमीन पर पैशन फ्रूट के 100 पौंधे लगाये. इस फसल को उर्वरकों और दवाओं के कम उपयोग की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, पांडुरंग बरल ने घर पर ही बीज की सहायता से पौधें तैयार करके 7×10 जगह में यानी एक एकड़ में पैशन फ्रूट लगाया. 
 

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इसके बाद करीब चार महीने बाद हरे रंग के फल आने शुरू हो गए. फिलहाल इन फलों की कटाई की जा रही है और इन्हें पुणे, मुंबई के बाजार में बेचा जा रहा है. बड़े शहरों 130 से 150 रुपये प्रति किलो दाम मिल रहा हैं.
 

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यह फ्रुट वजन में हल्का होता है, पैशन फ्रूट का जूस मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसी गंभीर बीमारियों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है, इसलिए इस फल की अभिजात वर्ग के बीच काफी मांग है. इसलिए ये फल फिलहाल ऐमज़ॉन वेबसाइट से बेचे जा रहे हैं. अमर बराल ने कहा कि ये फल अमेज़न और एलीट मॉल्स में 250 रुपये में बेचे जा रहे हैं, हालांकि बरल परिवार को तीन से चार टन तक उत्पादन मिलने का अनुमान है. किसान ने बताया कि लागत का खर्चा निकल जाए तो उन्हें 4 लाख रुपयों तक का मुनाफा हुआ है और आगे ज्यादा मिलेगा.