उत्तर प्रदेश में एक अप्रैल से लेकर 15 जून 2023 तक गेहूं खरीद का काम विपणन एजेंसियों के द्वारा किया जाना है, लेकिन बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने गेहूं खरीद की प्रक्रिया को ढीला कर दिया है. प्रदेश में गेहूं खरीद तो खुल गए हैं, लेकिन, वहां गेहूं बेचने के लिए किसान नही बेच रहे हैं. इसका मुख्य कारण ये है कि बेमौसम बारिश की वजह से किसानों की फसल बीते दिनों खेतों ही खड़ी थी. हालांकि अब मौसम साफ होने के साथ ही गेहूं की कटाई-मड़ाई शुरू हो गई है. इसके साथ ही गेहूं खरीद केंद्रों पर पसरा सन्नाटा भी टूटने लगा है. इसी कड़ी में बीते दिनों लंबे समय बाद एक किसान गेहूं बेचने के लिए केंद्र पर पहुंचा, जिसका विशेष रूप से स्वागत किया गया, जिसकी चर्चा इन दिनों की जा रही है. आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है.
गेहूं खरीद प्रक्रिया एक अप्रैल से शुरू हुई है, लेकिन शनिवार को लखनऊ के मोहनलालगंज के बंथरा गेहूं खरीद केंद्र पर पहला किसान गेहूं बेचने पहुंचा.अपनी गेहूं की फसल बेचने पहुंचे प्रेम कुमार का केंद्र पर अधिकारियों ने विशेष तरीके से स्वागत किया. गेहूं खरीद केंद्र पर किसान का विशेष स्वागत को देख दूसरे किसान भी खुश हुए. खरीद केंद्र पर मार्केटिंग इंस्पेक्टर मृणालिनी वत्स और मंडी समिति के विपणन अधिकारी संजय प्रकाश ने किसान प्रेम कुमार का गेहूं की बालियों और फूलों से तैयार किए गए बुके को देकर उसका स्वागत किया. पूरे प्रदेश में किसान का इस तरह का स्वागत इस बार देखने को नहीं मिला है. केंद्र पर किसान प्रेम कुमार से 38 क्विंटल गेहूं की खरीद की गई और उसे अधिकारियों के द्वारा आश्वासन भी दिया गया कि 72 घंटे के भीतर उसका भुगतान हो जाएगा.
यूपी में गेहूं की एमएसपी पर सुचारू खरीद के लिए 6000 गेहूं खरीद केंद्र बनाए गए हैं, जिसमें में से 5021 केंद्र खुल चुके हैं, जिन पर इन दिनों किसानों से 2125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं की खरीद की जा रही है. लखनऊ में 42 केंद्र बनाए गए हैं.
किसान को अन्नदाता कहा जाता है.पूरी फसल को तैयार करने में किसान अपने दिन का चैन और रातों की नींद तक गवां देता है, तब जाकर फसल तैयार होने के बाद उसके घरों में पहुंच पाती है. पूरे प्रदेश में इस बार मार्च महीने में बारिश और ओलावृष्टि के चलते किसान को काफी नुकसान उठाना पड़ा.इस वजह से गेहूं की कटाई में देरी हो रही है.
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मौसम अनुकूल होने के चलते अब किसान तेजी से अपने गेहूं की फसल की मड़ाई करने लगे हैंं, जिससे कि फसल को जल्द से जल्द खेत से घर तक पहुंचाया जा सके. इसी वजह से अब प्रदेश के 5021 गेहूं खरीद केंद्रों पर पसरा हुआ सन्नाटा टूट चुका है. प्रदेश में अब तक 97613 किसानों ने गेहूं खरीद के लिए अपना पंजीकरण कराया है. किसानों के द्वारा अब तक 1448 गेहूं खरीद केंद्रों के माध्यम से .07931 लाख मीट्रिक टन गेहूं की ब्रिक्री की जा चुकी है. किसानों द्वारा गेहूं को खरीदने के बाद भंडारण के लिए कुल 614 डिपो बनाए गए हैं.
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