लोगों को लगता है कि गांव में कमाई का साधन सिर्फ कृषि ही है. खेती या पशुपालन से ही कमाई की जा सकती है, लेकिन ऐसी बात नहीं है. गांव में आप मिट्टी जांच केंद्र खोल कर भी अच्छी कमाई कर सकते हैं. देश के अधिकांश गांवों में अभी भी मिट्टी जांच केंद्र नहीं खुले हैं. ऐसे में बहुत से किसान मिट्टी की जांच कराने के लिए अपने शहर स्थित लैब जाने से कतराते हैं. क्योंकि मिट्टी जांच केंद्र उनके गांव से काफी दूर होता है. ऐसे में अगर कोई गांव में जाकर मिट्टी जांच केंद्र खोलता है, तो उसकी अच्छी इनकम होगी. गांव में जांच लैब होने की वजह से पूरे पंचायत के किसान फसलों की बुवाई करने से पहले मिट्टी की जांच करवा सकते हैं. अगर आप चाहें, तो खुद के पैसे या सरकारी योजना के तहत भी गांव में मिट्टी जांच केंद्र खोल सकते हैं.
केंद्र सरकार मिट्टी जांच केंद्र को बढ़ावा देने के लिए सॉइल हेल्थ कार्ड नाम से एक योजना भी चला रही है. इस योजना के तहत सरकार पंचायत स्तर पर मिनी मिट्टी जांच केंद्र खोलने में मदद करती है. इस लैब में पंचायत और उसके आस- पास के गांव के खेतों की मिट्टी की जांच की जाती है. अभी देश के ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह के लैब न के बराब हैं. ऐसे में आप सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के तहत गांव में मिट्टी जांच केंद्र खोल सकते हैं. बड़ी बात यह है कि इस योजना के तहत केवल 18 से 40 साल की उम्र वाले लोग मिनी मिट्टी जांच केंद्र खोल सकते हैं. साथ ही योजना के लाभार्थी को 10वीं पास होना जरूरी है. उसे एग्री क्लीनिक और कृषि के बारे में जानकारी भी होनी चाहिए. इसके अलावा उसका किसान परिवार से भी होना जरूरी है.
आप योजना के तहत मिनी मिट्टी जांच केंद्र खोलते हैं, तो इसके लिए आपको अपने जिले के कृषि कार्यालय में जाकर उपनिदेशक या संयुक्त निदेशक से मिलना होगा. अगर आप चाहें, तो agricoop.nic.in वेबसाइट और soilhealth.dac.gov.in पर भी मिट्टी जांच केंद्र खोलने के लिए अधिकारियों से सम्पर्क कर सकते हैं. साथ ही आप अधिक जानकारी के लिए किसान कॉल सेंटर (1800-180-1551) पर भी कॉल कर सकते हैं. सबसे पहले कृषि अधिकारी आपको एक फॉर्म भरने के लिए देंगे. फॉर्म के साथ सभी जरूरी दस्तावेज अटैच करके आपको कृषि विभाग में जमा करना होगा.
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पंचायत स्तर पर मिनी मिट्टी जांच केंद्र खोलने पर करीब 5 लाख रुपये का खर्च आएगा. लेकिन अगर आप सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के तहत मिट्टी जांच केंद्र खोलते हैं, तो आपको 75 फीसदी की सब्सिडी मिलेगी. यानी सरकार की तरफ से आपको 3.75 लाख रुपये अनुदान में मिलेंगे. आपको अपने जेब से महज 1.25 लाख रुपये खर्च करने पड़ेंगे. सबसे बड़ी बात यह है कि सॉइल टेस्टिंग लैब खोलने के लिए आपके पास खुद या किराए का पक्का मकान होना चाहिए. अगर आप चाहें, तो मोबाइल टेस्टिंग वैन में भी लैब खोल सकते हैं. ऐसे में आप गांव- गांव घुनकर मिट्टी की जांच कर पाएंगे.
जिन किसानों को अपने खेत की मिट्टी की जांच करवाना होगा, उन्हें उस खेत की मिट्टी को लेकर जांच केंद्र जाना पड़ेगा. मिट्टी की जांच करने के बाद आपको केंद्र से प्रिंटेड रिजल्ट मिल जाएगा. वहीं, मिट्टी की जांच करने का चार्ज प्रति सैंपल 300 रुपये है. इस तरह आप गांव में इस बिजनेस को खोल कर आराम से महीने में 15 से 20 हजार रुपये कमा सकते हैं.
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